बलिया। बांसडीह कोतवाली अंतर्गत पंप संचालक से हुई लूट का जिला पुलिस ने शुक्रवार को खुलासा कर दिया। एसपी के निर्देश पर बांसडीह कोतवाली व एसओजी टीम ने इस मामले में कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से साढ़े छह लाख रूपए नकद भी बरामद किया गया है। इस लूट कांड में मुख्य साजिशकर्ता पेट्रोल पंप का मैनेजर ही निकला।
बीते २३ जुलाई को बांसडीह कोतवाली अंतर्गत एक पेट्रोल पंप के मालिक शंभू प्रसाद गुप्त पुत्र महेंद्र प्रसाद गुप्त निवासी सुखपुरा निवासी मैनेजर संजय कुमार गोंड के साथ बैंक में पैसा जमा करने जा रहे थे। इसबीच अज्ञात बाइक सवार लुटेरों ने मैनेजर को असलहा दिखाकर आठ लाख रूपए लूट लिए थे। घटना के बाद इस मामले में पुलिस ने अपराध संख्या २०७/२०२१ धारा ३९२ के तहत अज्ञात लुटेरों पर मुकदमा पंजीकृत किया था। घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक डा. विपिन टाडा ने तत्काल घटना स्थल का निरीक्षण किया था। इसके बाद खुलासे के लिए दो टीमें गठित की गई थी। बांसडीह कोतवाली और एसओजी टीम लगातार खुलासे को लेकर सक्रिय रही। टीम ने सर्विलांस की मदद से क्षेत्राधिकारी बांसडीह के नेतृत्व में शुक्रवार को लूटकांड का खुलासा किया। जिसमें पेट्रोल पंप मैनेजर संजय गोंड को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है। मैनेजर संजय गोंड ने तारकेश्वर यादव निवासी जितौरा थाना बांसडीह , पिंटू मिश्र निवासी केवरा थाना बांसडीह, धनजी बिंद निवासी राजपुर तथा अवधेश यादव निवासी जितौरा के साथ मिलकर लूट की योजना बनाई थी और नाटकीय ढंग से लूट की घटना को अंजाम दिया गया था। पुलिस ने अभियुक्तों से कड़ाई से पूछताछ के बाद उनकी निशानदेही पर साढ़े छह लाख रूपए बरामद किए। इसके अलावा आरोपियों के पास से दो तमंचा, पांच कारतूस बरामद किया गया। सभी आरोपियों को संबंधित धारा में चालान कर दिया गया। गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार सिंह, दारोगा रवींद्र नाथ राय, संजय सरोज, रामसजन नागर, अनुप सिंह, वेदप्रकाश दूबे, अतुल सिंह, विजय राय, सर्विलांस टीम के राकेश यादव, मनोज पाल, धर्मेंद्र कुमार, एसओजी टीम के अनिल पटेल, शशिप्रताप सिंह, रोहित यादव, संजय यादव, जयराम वर्मा, दिलीप पटेल, प्रदीप प्रसाद, राहुल यादव, संतोष यादव, संदीप, चंदन राजभर, राजप्रताप सिंह तथा मुकेश यादव शामिल रहे। पुलिस ने बताया कि पेट्रोल पंप मैनेजर पिछले चार पांच सालों से पंप पर काम कर रहा था। वह कुछ लोगों से कर्ज ले लिया था। जिसे चुक्ता करने तथा मकान निर्माण का कार्य कराने के लिए उसे पैसों की आवश्यकता थी। इसलिए एक साजिश के तहत उसने लूट की घटना को अंजाम दिया। ख्