सियासत: तानाशाह बड़े डरपोक निकले..





आगे पढ़ें..
सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान तो, सरकार ने घुटने टेके :अजय राय मुन्ना
बलिया। लखीमपुर खीरी की घटना को उच्चतम न्यायालय के स्वत: संज्ञान ले लिया है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी को छोड लगभग सभी दलों और आम जनता में सरकार की किरकिरी हो रही है। यह बार-बार दोहराया जा रहा है कि ऐसा खौफनाक और बर्बरतापूर्ण मंजर केवल अंग्रेजों की हुकूमत में देखने को मिलता था। आजाद भारत में ऐसा देखने को नहीं मिला कि कोई मंत्री और उसका पुत्र मिलकर इस तरह का कृत्य करें। उक्त बातें आम आदमी पार्टी के बलिया विधानसभा के प्रभारी अजय राय मुन्ना ने कही।

कहा कि घटना के बाद आप के संजय सिंह सहित अन्य नेता किसानों से मुलाकात करने निकले थे। पुलिस से उनका जबरदस्त संघर्ष हुआ। उनके साथ पुलिस ने बुरी तरह अभद्रता की। उन्हें हिरासत में ​ले लिया गया। देश में ज्यादा शोर होने पर नेताओं को मुक्त किया गया। नेतागण हिरासत में रहते हुए फोन पर अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते रहे और संदेश दिया कि हम जनता को मारने वाले कायरों से डरते नहीं हैं। वरिष्ठ नेताओं ने किसान परिवार से मिलने की इजाजत मांगी, लेकिन दूसरे दिन तक सरकार ने जाने तक नहीं दिया।


यही हाल अन्य दलों के नेताओं का था, जो लोग भी पीडित परिवार से मिलना चाहते थे और लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत मांग रहे थे, उन्हें यूपी प्रशासन ने मना कर दिया। भाजपा के गृहराज्य मंत्री ने जनता को मंच से धमकाया था और उनके बेटे ने किसानों को गाड़ी से कुचल दिया। सरकार ने तत्काल इन दोनों पर कोई कार्रवाई तो नहीं की। उल्टे विपक्षी नेताओं को नजरबंद करके अपनी फजीहत कराते रहे। बाप—बेटे को बचाने की कोशिश में सरकार ने पूरी फजीहत करा ली। देखा जाए तो राज व्यवस्था राजनीतिक दल ही चलाते हैं. वे नेतृत्व करते हैं।जनता समर्थन या विरोध करती है। इसलिए जनता अपने वर्तमान और भविष्य के लिए दलों की ओर देखती है। सरकारी जुल्म और घोर अन्याय के वक्त जनता को अनाथ छोड़ना उसके साथ धोखा होगा। आज इस साहस की बहुत जरूरत है।


‘मुन्ना’ ने यह भी कहा कि इस आंदोलन में विपक्ष दृढता के साथ जमीन पर दिखाई दिया है। इसकी हमे खुशी है। आम आदमी पार्टी किसानों को न्याय दिलाने में अंतिम सांस तक उनका साथ देगा। वादा किया कि जरूरत पडने पर बागी बलिया की धरती से हजारों कार्यकर्ता किसानों के जंग में शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी ने देश को यही सिखाया था कि सज्जनता, विनम्रता और नैतिक बल के साथ दृढ़ता बहुत जरूरी है। इसके बाद सत्य की जीत सुनिश्चित है। जनता पर जिस तरह लगातार जुल्म बढ़ रहा है, विपक्षी दलों के पास ऐसी ही दृढ़ता के साथ विरोध करने एवं जमीन पर उतरने की जरूरत है। क्योंकि विपक्षहीन भारत की कल्पना भारतीय लोकतंत्र के साथ क्रूरता है।


कहा कि मामले को सुप्रीम कोर्ट के स्वत: स्ंज्ञान लेते ही अब​ सरकार एवं प्रशासन ने घुटने टेक दिए है। अब तक जो तानाशाही कर रहे थे, वह डरपोक दिखाई देने लगे और आनन—फानन में दो आरोपी पकड़े गए हैंं। उनसे पूछताछ की जा रही है। इतना ही नहीं वहां के जिला प्रशासन ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के घर पर नोटिस चस्पा कर उनके बेटे को पूछताछ के लिए बुलाया है। देखा जाए तो यह कोई सामान्य अपराध नहीं है, मंत्रालय से हासिल ताकत के ​जरिए जनता को कुचलने का कुचक्र है यह। अब इस जंग में आम आदमी पार्टी किसनों के साथ है।

Please share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!