उन्नीस साल बाद आया फैसला, हत्या के मामले में पिता-पुत्र समेत आठ लोगों को उम्रकैद




कोर्ट ने 47-47 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया

गाजीपुर। सैदपुर थाने के वीर सिंहपुर गांव में एक व्यक्ति की लाठी- डंडों से पीट-पीटकर वर्ष 2004 में हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड में आठ अभियुक्तों को दोषी पाया गया। इसके बाद एससीएसटी कोर्ट के स्पेशल जज अरविंद सिंह ने हत्यारों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
साथ ही उन पर 47-47 हजार रुपये का जुर्माना लगाकर पूरी राशि का 50 प्रतिशत मृतक की पत्नी को देने का आदेश दिया है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में चार साल की अतिरिक्त सजा भुगतने का आदेश दिया है।

बता दें कि मार्च 2004 में वीर सिंहपुर निवासी राजकुमार को लाठी डंडों से बुरी तरह से पीटा गया था। इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और वहां उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद मृतक की पत्नी मीरा देवी ने गांव निवासी रामबचन यादव उसके पुत्र आजाद यादव, विजय यादव, अजीत यादव बबलू, शिवभजन यादव, रामलखन यादव, शिवचरण यादव व दिनेश सिंह के खिलाफ तहरीर दी।
बताया कि उसके पति की उनसे पुरानी रंजिश थी। उसी के चलते उन्होंने लाठी डंडों से पीट-पीटकर नृशंसता से राजकुमार को पीटा और दूसरे दिन उसकी अस्पताल में मौत हो गई। पूरे मामले में पुलिस मुकदमा तक नहीं दर्ज कर रही थी। इसके बाद पीड़ित ने एसपी से गुहार लगाई तो उनके निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया गया।

उस घटना में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। तभी से मुकदमा चल रहा था और 19 साल दो महीने बाद अब जाकर इस मामले में फैसला आया है। जिसमें आठों आरोपियों को न्यायाधीश ने उम्रकैद व 47-47 हजार रुपये का जुर्माना सुनाया। पूरे मुकदमे के दौरान विशेष लोक अभियोजक प्रदीप चतुर्वेदी ने कुल नौ गवाहों को पेश किया। उनकी गवाही के बाद जज ने सजा सुनाई।




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