गाजीपुर। जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेश पर सोमवार को ”लौहपुरूष” सरदार वल्लभ भाई पटेल की 147वीं जयंती जनपद न्यायाधीश के विश्राम कक्ष में समस्त पीठासीन अधिकारीगण की उपस्थिति में मनाया गया। जनपद न्यायाधीश द्वारा बताया गया कि आज स्वतंत्रता के पश्चात भारतीय एकता के प्रतीक, महान स्वतंत्रता सेनानी तथा भारत के लौहपुरूष सरदार पटेल का आजादी के बाद भारत के एकीकरण में सबसे महत्वपूर्ण योगदान था, इसलिए उन्हें राष्ट्रीय एकता का प्रणेता माना जाता है। उनका जन्मदिन देश भर में राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/स्पेशल जज(पॉक्सो)/नोडल अधिकारी लोक अदालत द्वारा बताया गया कि आज भारत रत्न, लौहपुरूष, राष्ट्रीय एकीकरण के शिल्पकार, आधुनिक भारत के निर्माता सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती है। भारत के बिस्मार्क और लौह पुरूष कहे जाने वाले सरदार पटेल 565 रियासतों के विलय के लिए जाने जाते हैं। पूर्णकालिक सचिव द्वारा बताया गया कि ”लौहपुरूष” सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। हिन्दुस्तान को आजादी मिलने के बाद पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में महत्वपूर्ण भूमिका रही। यही कारण है कि पटेल की जयंती को देश में राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) के तौर पर मनाया जाता है।