स्वच्छता अभियान व दान उत्सव चलाकर सनबीम स्कूल ने मनाया विश्व अहिंसा दिवस

बलिया। कर्म बोइए आदत काटिए।
आदत बोइए चरित्र काटिए।
चरित्र बोइए भाग्य काटिए।
तभी जीवन सार्थक होगा।
उपयुक्त उक्ति को चरितार्थ करते हुए अपना संपूर्ण जीवन देश को समर्पित करने वाले दो महापुरुष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस को पूरा देश राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाता है। एक ओर जहां गांधीजी ने समग्र विश्व को अहिंसा का पाठ पढ़ाया, तो शास्त्री ने गरीबों एवं किसानों के उत्थान के लिए अथक प्रयास किए। इन अनोखे व्यक्तित्व के धनी महात्माओं के जन्मदिन को बलिया जिले के अगरसंडा ग्राम स्थित सनबीम स्कूल ने अनोखे अंदाज में पूरे उत्साह के साथ मनाया।

राष्ट्रीय पर्व विश्व अहिंसा दिवस के अवसर पर सर्वप्रथम विद्यालय प्रांगण में विद्यालय के समस्त पदाधिकारियों क्रमशः अध्यक्ष श्री संजय कुमार पांडेय, सचिव अरूण कुमार सिंह, निदेशक डॉ कुंवर अरूण सिंह तथा प्रधानाचार्या डॉ. अर्पिता सिंह सहित समस्त शिक्षकवृंद द्वारा ध्वजारोहण कर महापुरुष द्वय महात्मा गांधी तथा लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण पर दीप प्रज्जवलित किया गया। इसके उपरांत इस अवसर पर विद्यालय द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम स्वच्छता अभियान एवं दान उत्सव का आरंभ किया गया।

बता दें कि विद्यालय परिवार द्वारा दो अक्टूबर के अवसर पर विद्यालय के निकट मिड्ढा ग्राम में स्वच्छता कार्यक्रम एवं दान उत्सव का आयोजन किया गया था। जिसमें विद्यालय परिवार के सभी सदस्यों ने पूरे उत्साह के साथ सहभाग किया। इस कार्यक्रम के तहत विद्यालय के सभी सदस्यों ने मिड्ढा ग्राम स्थित ब्लॉक संसाधन केंद्र, शिवालय, बड़ा पोखरा, हरिजन बस्ती में जाकर साफ सफाई की तथा जगह -जगह प्लास्टिक बैंक स्थापित किए। जिससे इधर -उधर फेंके जाने वाले प्लास्टिक के कचरे इसी में एकत्रित किए जा सके। इस दौरान सभी शिक्षकों ने ग्रामवासियों को स्वच्छता के महत्व को समझाया , प्लास्टिक के प्रयोग से होने वाले प्रदूषण से भी अवगत कराया तथा इसके उपयोग पर नियंत्रण हेतु भी प्रेरित किया।
इस खास अवसर पर विद्यालय परिवार द्वारा हरिजन बस्ती में जाकर दैनिक जीवन के लिए आवश्यक वस्तुओं का दान किया गया। विद्यालय द्वारा किए गए इस अनोखे पहल से गांववासियों के मुखमंडल पर छाई प्रसन्नता की चमक स्पष्ट दिखाई दे रही थी।

इस आयोजन के विषय में विद्यालय निदेशक डॉ. कुंवर अरूण सिंह ने बताया कि वास्तविक खुशी तब होती है, जब हमारे द्वारा किए कार्यों एवं प्रयासों से किसी को खुशी मिले और ऐसा ही अनुभव आज हमें दान उत्सव मनाकर प्राप्त हो रहा है। उन्होंने आगे बताया कि दो अक्टूबर को हम जिनकी जयंती पूरे उत्साह से मनाते हैं। उन्होंने भी अपना समग्र जीवन समाज के विकास में लगा दिया। अतः यदि सही मायने में हमें उनका सम्मान करना है, तो उन्हीं के दिखाए रास्तों पर चलना होगा। तभी सही मायने में हम राष्ट्रीय पर्व मनाएंगे। प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह ने अपने अनुभव बांटते हुए बताया कि ” जरूरतमंदों को संतुष्ट कर जो आत्मसंतुष्टी प्राप्त होती ,जो सुख प्राप्त होता है। उसकी प्राप्ति किसी अन्य कार्य को करके नहीं मिल सकती। उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए समस्त विद्यालय परिवार का आभार व्यक्त किया तथा सदैव इस तरह के कार्य करते रहने हेतु प्रेरित किया।

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