.
.
.
.
.
.
.
बलिया। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। वह नित्य नए कीर्तिमान स्थापित करती है।बस जरूरत है, उसे पहचानने की और उसे संवारने की। सनबीम स्कूल हमेशा ऐसे अवसर की तालाश में रहा, जहां बच्चों की व्यक्तिगत प्रतिभा को विश्व पटल पर उकेरा जा सके। वैश्विक प्रगति में विज्ञान का बड़ा हाथ है। भारतीय प्रतिभाओं का वैश्विक पटल पर उपस्थिति दर्ज कराने का क्रम जारी है। इसी सोच को आत्मसात कर आगे बढ़ते हुए सनबीम स्कूल के बच्चों ने ‘विघार्थी विज्ञान मंथन’ के लिए चयनित होकर फिर इस साल भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
यह राष्ट्रीय स्तर की ऑनलाइन परीक्षा भारत सरकार के विज्ञान व तकनीकी विभाग के एनसीईआरटी (NCERT) के तत्वावधान में इंडिया लांगेस्ट साइंस टैलेंट सर्च फॉर न्यू इंडिया 2021 – 22 के अंतर्गत विजना भारती (VIBHA) और विज्ञान प्रसार के सहयोग से ‘विद्यार्थी विज्ञान मंथन’ ऑनलाइन परीक्षा आयोजित किया था। तीस नवंबर को आयोजित इस परीक्षा में सनबीम स्कूल के 74 बच्चों ने प्रतिभाग किया था। परीक्षा में अनुपम मिश्रा (कक्षा 8 ए), अंशिका मल्ल (कक्षा 9 सी), जनपद में प्रथम स्थान पर रहे। रितेश कुमार (कक्षा 9 ए) द्वितीय स्थान पर जबकि अतुल नारायण (कक्षा 9 डी) तीसरे स्थान पर रहे।
विद्यालय के अनुपम मिश्रा पूरे जिले में द्वितीय स्थान प्राप्त कर विद्यालय का नाम रोशन किया। अगले राज्य स्तरीय परीक्षा के लिए विद्यालय के चार छात्र अनुपम मिश्रा, अंशिका मल्ल, रितेक कुमार तथा अतुल नारायण चयनित हो चुके हैं। अनुपम मिश्रा इससे पूर्व भीI NSPIRE AWARD MANAK प्रतियोगिता परीक्षा में रुपये 10000 राशि का विजेता रह चुके हैं।
विद्यालय के चेयरमैन संजय पांडे, सचिव अरुण सिंह, निदेशक डॉ कुँवर अरुण सिंह और प्रधानाचार्य सीमा ने विद्यार्थियों की प्रतिभा का सम्मान करते हुए उन्हें और आगे बढ़ने का आशीर्वचन देते हुए कहा कि विद्यार्थियों के सतत परिश्रम का फल हम सभी को गौरवान्वित कर रहा है। वास्तव में बच्चों का मन एक कोरा स्लेट और बस जरूरत है, सही दिशा निर्देशन और उनकी पसंद का रंग भर देने की आजादी का। प्रशासक एसके चतुर्वेदी ने चयनित बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की। विद्यालय के शिक्षक नवचंद्र तिवारी ने बताया कि बच्चों की वैज्ञानिक प्रतिभा निखारने में परीक्षा इंचार्ज पंकज सिंह, विज्ञान शिक्षकगण अनूप गुप्ता, अनुराग ठाकुर, प्रदीप कुमार, पीके यादव, श्वेता श्रीवास्तव, नीरज सिंह, विश्वनाथ ठाकुर, प्रभात कुमार, जयप्रकाश यादव व विनीत दुबे, विशाखा सिंह आदि का योगदान सराहनीय रहा।
.
.
.
.
.
.
.