मेरठ। उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में अपने तौर तरीकों का अलग केंद्रीय मूल्यांकन भवन चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में बनकर तैयार हो गया है। गुरुवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल इस भवन का लोकार्पण कर रही हैं। इसके बाद यह भवन मूल्यांकन कार्य के लिए उपयोग में लाया जाएगा। केंद्रीय मूल्यांकन भवन की कवायद लंबे समय से चल रही थी। इस पूरे भवन में सेंट्रलाइज एसी की व्यवस्था की गई है। इससे शिक्षकों को मूल्यांकन के काम में आसानी होगी।
सीसीएसयू में केंद्रीय मूल्यांकन में कापियां जांची जाती है। इसमें शिक्षक विश्वविद्यालय में आकर कापियों का मूल्यांकन करते हैं। अभी तक कांशीराम शोधपीठ, राजेश पायलट स्पोर्ट्स हास्टल में मूल्यांकन का कार्य किया जाता था। केंद्रीय मूल्यांकन भवन बनने से अब एक जगह शिक्षक मूल्यांकन का कार्य करेंगे। 21 करोड़ रुपये की लागत से तैयार केंद्रीय मूल्यांकन भवन में एक साथ 1200 शिक्षकों के बैठने की व्यवस्था है। चार फ्लोर में 16 हाल तैयार किए गए हैं।
विवि में पहला भवन है जिसमें लिफ्ट की भी व्यवस्था की गई है। मूल्यांकन के दौरान सभी फ्लोर पर सीसीटीवी कैमरे की भी व्यवस्था रहेगी। विश्वविद्यालय के इस केंद्रीय मूल्यांकन भवन में कापियों पर बार कोडिंग करने और कापियों को रखने की भी व्यवस्था की गई है। रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार का कहना है कि मूल्यांकन भवन बनने से केंद्रीय मूल्यांकन के कार्य में गति मिलेगी। पूरे भवन में सेंट्रलाइज एसी की व्यवस्था है। इससे शिक्षक आराम से मूल्यांकन का कार्य कर सकेंगे।
सीसीएसयू में कई बार परीक्षाओं की कापियों में अदला बदली की शिकायत रही है। इसे देखते हुए केंद्रीय मूल्यांकन भवन में सुरक्षा की भी पुख्ता व्यवस्था की गई है। हर जगह कैमरे लगने से आने जाने वाले पर निगरानी रहेगी। परीक्षा केंद्र से सीधे कापियों को यहां लाकर बार कोडिंग की जाएगी। भवन में एक तरफ से प्रवेश होने से भी गड़बड़ी नहीं होगी।