वाराणसी। खेल की दुनिया से निकला टैटू गुदवाने/बनवाने का क्रेज युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है। लेकिन इस फैशन ने बनारस के करीब 24 युवाओं की जिंदगी को मुसीबत में डाल दिया है।
बता दें कि धर्मनगरी वाराणसी में एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां दर्जनों युवा एचआईवी पॉजिटिव मिले हैं। इन सभी ने कहीं न कहीं से टैटू बनवाया है। स्वास्थ्य विभाग को आशंका है कि टैटू बनवाने में यूज की गई सुई के कारण यह संक्रमण फैला है। फिलहाल HIV संक्रमण का यह मामला सामने आने से हड़कंप मचा हुआ है।
वाराणसी में करीब दो दर्जन युवा एचआईवी संक्रमित मिले हैं। संक्रमण मिलने के बाद जब स्वास्थ्य विभाग की ओर से काउंसलिंग और जांच पड़ताल की गई तो सबके होश उड़ गए। सभी युवाओं में एचआईवी संक्रमण के मूल चार बड़े कारण नहीं मिले। जबकि सभी ने कहीं न कहीं अपने शरीर में टैटू बनवाए थे। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को नब्बे फीसदी तक यही आशंका है कि ये सभी मरीज संक्रमित सुई से टैटू बनवाने के कारण एचआईवी की चपेट में आए हैं।
सभी का इलाज पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल के एंटी रेट्रो वायरल ट्रीटमेंट सेंटर की ओर से शुरू हो गया है। अस्पताल की एंटी रेट्रो वायरल ट्रीटमेंट सेंटर की डॉ. प्रीति अग्रवाल ने कुल मरीजों की संख्या का आंकड़ा तो नहीं बताया, लेकिन उनके अनुसार, ये सभी युवा हैं और सभी ने कहीं न कहीं से अपने शरीर में टैटू बनवाया है। ऐसे में काउंसलिंग के बाद 90 प्रतिशत तक यही आशंका है कि इनको संक्रमण संक्रमित सुई से टैटू बनवाने के कारण हुआ है।