दलित किशोरी के साथ हुई घटना पर क्यों पर्दा डाल रही है पुलिस ?

दुष्कर्म व गला रेतकर जख्मी हाल में खेत में फेंकने का मामला

पुलिस ने पीड़िता का दर्ज किया बयान, लेकिन नहीं किया खुलासा

गाजीपुर। पुलिस की हीलाहवाली एवं उदासीनता के कारण अभी तक दलित किशोरी के साथ हुई घटना का खुलासा नहीं हो सका है। रेवतीपुर थाने के एक गांव में दलित किशोरी की गला रेतने व दुष्कर्म की आशंका के मामले में पुलिस ने पीड़िता का बयान तो दर्ज कर लिया है, लेकिन उसने क्या बताया यह बताने से कतरा रही है ? परिजनों व ग्रामीणों ने बताया कि यह पुलिस की जांच के सुस्त रवैया का ही नतीजा है कि पीड़िता के सम्भावित दुष्कर्म की जांच के लिए भेंजी गई स्लाइड की रिपोर्ट भी अब तक नहीं आई है। उसका मजिस्ट्रेट के समक्ष कलमबंद बयान दर्ज न होना और आरोपितों की सात दिनों बाद भी गिरफ्तारी न होना, निश्चित ही जांच में जुटी एसओजी व पुलिस टीमों पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है। इसके चलते ग्रामीणों एवं परिजनों में रोष है। पीड़िता परिजनों खुद की सुरक्षा को‌ लेकर पुलिस की तैनाती न किए जाने से असुरक्षित महसूस कर रहे है।वैसे कहने को तो पुलिस ने घटना के बाद से अब तक कुल छह संदिग्ध लोगों को पूछताछ के लिए उठा उनसे किसी अज्ञात जगह पर पूछताछ में जुटी है। यही नहीं घटना के खुलासे में जुटी जांच टीम के द्वारा क्षेत्र के दर्जनों मोबाइल नंम्बरो को सर्विलांस पर लगा रखा है,ताकि इस वारदात में शामिल लोगों को दबोचने के साथ ही,हमले में प्रयुक्त धारदार हथियार भी बरामद किया जा सके। जांच टीम के तरकश में शामिल हर तीर उसके निशाने पर नहीं लग रहे हैं। मालूम हो कि बीते सोमवार को गाँव के बाहर धान के खेत में किशोरी खून से लथपथ मिली थी,जबकि उसका कपडा भी अस्तब्यस्त मिलने से गाँव सहित परिजनों में हडकंम्प मच गया,सूचना पर पहुंची पुलिस ने किशोरी को गंम्भीर अवस्था में सीएचसी ले जाया गया,जिसके बाद उसे गंम्भीर स्थिति में जिला अस्पताल वहाँ से ट्रामा सेंटर ले जाया गया।हालत में सुधार के बाद किशोरी को वहाँ से दोबारा गाजीपुर अस्पताल लाया गया। इस सम्बन्ध में प्रभारी निरीक्षक धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि किशोरी का बयान दर्ज हो गया है। अब जल्द ही मजिस्ट्रेट के समक्ष उसका बयान दर्ज कराया जाएगा। बताया कि मामले की छानबीन जारी है। जल्द ही खुलासा कर दिया जाएगा ।

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