भारतीय नागरिक सुरक्षासंहिता, भारतीय न्याय संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर चर्चा
बलिया। न्यायपालिका, कार्यपालिका, पुलिस प्रशासन के साथ ही सिविल, क्रिमिनल और रेवेन्यू बार एसोसिएशन के तत्वाधान में दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। इसके नवीन दांडिक विधियों (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023) पर चर्चा-परिचर्चा हुई। गंगा बहुउद्देशीय सभागार में हुई कार्यशाला की अध्यक्षता जिला जज अशोक कुमार सप्तम की। कार्यक्रम में पुलिस अधिकारियों, थानाध्यक्षों, अधिवक्ताओं व कानून से संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों को नवीन दांडिक विधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
इस दौरान सहायक अभियोजन अधिकारी (मऊ) स्वदेश कुमार शर्मा ने भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) व भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) की नवीन दाण्डिक विधियों के महत्वपूर्ण बिंदुओं से सबको अवगत कराया।
बताया कि किन धाराओं में कैसे कार्यवाही होगी। कार्यक्रम में नोडल अधिकारी महेश चंद्र वर्मा, अपर जिला जज अरविंद उपाध्याय, पुनीत गुप्ता, ज्ञान प्रकाश तिवारी, रवि करण, नीलम ढाका, हरीश कुमार व रामकृपाल, सिविल जज (सीनियर डिवीजन एफटीसी) विराटमणि त्रिपाठी, एसीजेएम गार्गी शर्मा के अलावा क्रिमिनल एंड रेवेन्यू बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रणजीत सिंह, महासचिव रामविचार यादव, सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र तिवारी के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों में एसपी देव रंजन वर्मा, एएसपी डीपी तिवारी, सिटी मजिस्ट्रेट इंद्रकांत द्विवेदी आदि मौजूद थे। संचालन अपर जिला जज प्रथमकांत ने किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शाम्भवी यादव कार्यक्रम की संयोजक थी।