राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हुए रक्षक सेनानी





बलिया। साम्यवादी विचारधारा से समाजवादी आंदोलन का सफर जगदीशपुर निवासी लोकतंत्र रक्षक सेनानी सुशील कुमार पांडेय ने तय किया। सोमवार को उनके पार्थिव शरीर को राजकीय इंटर कालेज बलिया के प्रांगण से राजकीय सम्मान के साथ विदा किया गया। इस दौरान उनको तहसीलदार एवं पुलिस कर्मियों द्वारा गार्ड आफ आनर दिया गया।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी, वरिष्ठ लोकतंत्र सेनानी द्विजेन्द्र कुमार मिश्र, शुभ्रांशु शेखर पांडेय, संतोष कुमार शुक्ल, रविन्द्र पांडेय आदि मौजूद रहे। गंगा घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि उनके पुत्र अतुल पांडेय ने दिया।

लोकतंत्र सेनानियों ने की शोक सभा

बता दें कि अधिवक्ता नगर स्थित समाजवादी निवास परिसर में लोकतंत्र सेनानी एवं लोहिया संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में लोकतंत्र सेनानी द्विजेंद्र कुमार मिश्र की अध्यक्षता में शोक सभा हुई। इसमें लोकतंत्र सेनानी सुशील कुमार पांडेय के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। संस्मरण साझा करते हुए श्री मिश्र ने बताया कि अंग्रेजी हटाओ आंदोलन से लगायत भारत की दूसरी आजादी का सफर लोकतंत्र सेनानी सुशील कुमार पांडेय ने तय किया था।

अंतिम यात्रा में ये लोग रहे मौजूद

बलिया से शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्होंने काशी में शिक्षा ग्रहण किया। वह अंतिम समय तक समाजवादियों से जुड़े रहे। इस अवसर पर अजय बहादुर सिंह, निर्भय नारायण सिंह, जीउत बाबू, राघव गुप्त, शुभ्रांशु शेखर पांडेय, संतोष कुमार शुक्ल, स्वतंत्र देव, राजऋषि सिंह, देवेन्द्र नाथ त्रिपाठी, शंभू मिश्र, अजय तिवारी, दीना भाई, सुशील कुमार चौधरी, कमलाशंकर शर्मा, बुंदेला यादव, प्रमोद यादव, अजय कुमार सिंह, शिवशरण तिवारी, रवि मिश्र, अकमल नईम खां मुन्ना, शाहिद अली खां, अशोक राय, बासुदेव ठाकुर आदि मौजूद रहे।





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