जमीन की पैमाइश के एवज में पीड़ित से मांगे गए थे 5000 रुपये
बलिया। एंटी करप्शन आजमगढ़ की टीम इंस्पेक्टर बृजेश द्विवेदी के नेतृत्व में बांसडीह तहसील में अचानक आ धमकी। जमीन की पैमाइश के एवज में 5000 रुपये लेखपाल द्वारा मांगने की शिकायत पर बांसडीह तहसील में पहुंची और लेखपाल एवं एक अन्य को पकड़कर कोतवाली लेकर चली आई।
कोतवाली लाकर दोनों व्यक्तियों के हाथों को केमिकल से धुलवाया गया जिसमें लेखपाल के हाथ धुलवाने पर केमिकल सफेद ही रहा और वही एक अन्य ब्यक्ति का हाथ लाल हो गया।
बता दें कि कोतवाली क्षेत्र के सुल्तानपुर निवासी सूरज बिंद ने अपनी जमीन के पैमाइस के लिए उपजिलाधिकारी बांसडीह को आवेदन दिया था। जिसमें हल्के के लेखपाल नवनीत खरवार द्वारा पैमाइश के लिए पांच हजार रुपये की मांग की जा रही थी। पीड़ित द्वारा जमीन की पैमाईश के लिए पैसे की मांग किए जाने पर उसने इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम से कर दी। उसके बाद आजमगढ की एन्टी करप्शन टीम ने पीड़ित से संपर्क कर मंगलवार को बांसडीह तहसील पर आ धमकी। तहसील पर आने के बाद टीम ने अपने दो सहयोगियों को लेखपाल के कमरे में शिकायतकर्ता के साथ भेजी।शिकायतकर्ता ने लेखपाल को पैसा दिया, लेकिन लेखपाल ने वहां बैठे व्यक्ति सम्राट गोंड को इशारा कर पैसा लेने को कहा। जैसे ही अन्य व्यक्ति ने पैसा लिया तब तक एन्टी करप्शन की टीम ने उस व्यक्ति को धर दबोचा और दोनों को कोतवाली लेकर चली आई। एन्टी करप्शन की टीम आने की सूचना पर तहसील में हड़कंप मच गया।
घटना की सूचना जैसे ही लेखपाल संघ के अध्यक्ष को मिली सभी तहसील के लेखपाल कोतवाली पहुँच कर अपने सहयोगी को छुड़ाने की मांग करने लगे। टीम द्वारा न छोड़े जाने पर लेखपालों ने कोतवाली में ही धरना व नारेबाजी करने लगे। कोतवाली में बढ़ते बवाल को देख प्रभारी कोतवाली राजेश कुमार सिंह ने अपने उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना दी। उच्चाधिकारियों की सूचना पाकर कई थानों की पुलिस बांसडीह कोतवाली पहुँच कर स्थिति संभाली।
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एंटी करप्शन टीम की गिरफ्तारी के बाद लेखपाल संघ के जिला अध्यक्ष पहुंचे थाने
बलिया। राजस्व कर्मी की एंटी करप्शन टीम द्वारा गिरफ्तारी के बाद कोतवाली पहुंचे लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष निर्भय कुमार सिंह ने सैकड़ों राजस्व कर्मियों सहित कोतवाली में ही धरने पर बैठ गए। जिलाध्यक्ष द्वारा आरोप लगाया की एंटी करप्शन की टीम द्वारा खुद बंद कमरे में जबरिया रुपये पकड़ाकर केमिकल से हाथ धुलवाया जा रहा है। जबकि मौके से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा पैसे लिए गए हैं। जिसका लेखपाल नवनीत खरवार से दूर -दूर तक कोई संबंध नहीं है। टीम द्वारा साजिश के तहत लेखपाल को फंसाया जा रहा है।