मऊ। अनुसूचित जाति जनजाति की विशेष अदालत की न्यायाधीश ललिता गुप्ता ने मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र में दलित की जमीन को धोखाधड़ी कर हेरा-फेरी करने के मामले में इसी थाने के जमीन बरामदपुर निवासी आरोपी इरसाद, मोहम्मद तालिब, जहरूद्दीन तथा नफीस अहमद की जमानत अर्जी खारिज कर दी। विशेष न्यायाधीश ने यह आदेश बचाव पक्ष और विशेष लोक अभियोजक सत्येंद्रनाथ राय व अखिलेश कुमार सिंह के तर्कों को सुनने तथा केस डायरी का अवलोकन करने के बाद पारित किया। मामला मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के जमीन बरामदपुर गांव का है। इसी थाने के खैराबाद गांव के अनुसूचित जाति के वादी मुकदमा अनिल कुमार ने थाने में तहरीर दिया था। जिसमें वादी का कथन है कि उसके पिता के नाम से जमीन बरामदपुर में जमीन है। उनके मृत्यु के बाद हम तीन भाइयों के नाम वरासत दर्ज है। आरोपी साजिश व कूट रचित दस्तावेज तैयार करके मेरे पिता व भाई की फोटो लगाकर पंजीकृत व अपंजीकृत कूट रचित दस्तावेज तैयार करके जमीन को हड़पना चाहते हैं। वादी दो मई 2022 को अपनी जमीन पर मकान बनाने के लिए गया, तो आरोपीगण गाली गुप्ता देते हुए जाति सूचक शब्दों किए।