वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस बहुत जल्द सार्वजनिक परिवहन में रोपवे सेवा शुरू करने वाला देश का पहला शहर होगा। बनारस में रोपवे परियोजना जल्द ही लागू होने वाली है। इसे सार्वजनिक परिवहन रोपवे कैंट रेलवे स्टेशन (वाराणसी जंक्शन) से चर्च स्क्वायर गोदौलिया तक यातायात की भीड़ को कम करने के लिए बनाया जा रहा है। इनके बीच 220 केबल कार उपलब्ध होंगी। जहां रोपवे से 4.2 किमी. का सफर महज 15 मिनट में तय किया जा सकेगा।
दरअसल, वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि शहर को एक सार्वजनिक परिवहन सेवा की जरूरत थी, इसलिए व्यापक गतिशीलता योजना के अनुसार, यातायात में सुधार के लिए रोपवे प्रणाली एक जरूरी विकल्प था। उन्होंने कहा, “हमने रोपवे प्रणाली की DPR मंजूरी दे दी है और बोली प्रक्रिया 11 दिसंबर तक पूरी हो जाएगी। यह 4,500 की क्षमता वाली सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर आधारित होगी। उन्होंने कहा, “शुरुआत में, यह कैंट रेलवे स्टेशन, साजन तिराहा, रथयात्रा और गिरजा घर चौराहा को कवर करते हुए 3.45 किलोमीटर लंबा होगा। हमने इस परियोजना को पूरा करने के लिए 24 महीने की समय तय किया है।
भारत बनेगा दुनिया का तीसरा देश
वाराणसी। सार्वजनिक परिवहन के रूप में रोपवे सेवा शुरू करने वाला बोलीविया और मैक्सिको सिटी के बाद भारत दुनिया का तीसरा देश और वाराणसी देश का पहला शहर बन गया है। बता दें कि प्रोजेक्ट को जापान में क्योटो की तर्ज पर अत्याधुनिक तरीके से विकसित किया जा रहा है।