बक्सर। बिहार में पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने तिथि तय करने के साथ ही तैयारी भी शुरू कर दी है। पंचायत चुनाव के दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, गांव में चुनावी हलचल भी तेज होने लगी है। बहुत दिग्गज सालों से चुनाव के इंतजार में बैठे थे वह अब राजनीतिक अखाड़े में कसरत शुरू कर चुके हैं। चुनावी मेला के लिए पांच साल का उनका इंतजार अब पूरा होने वाला है। उधर वर्तमान सरपंच भी अपनी कुर्सी बचाने के लिए अभी से पूरी ताकत झोंक रहे हैं। इस बार रास्ता उनके लिए कठिन हो सकता है, क्योंकि जनता समझदार हो चुकी है और रिझाने से कुछ नहीं होने वाला है।
देखा जाए तो बिहार में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर आयोग ने उम्मीदवारों के लिए कोरोना वैकसीनेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य करने का गाइडलाइन जारी कर दिया है। इसके बाद सबकी बेचैनी बढ़ गई। चुनाव मैदान में उतरने वाली महिला-पुरूष उम्मीदवारों से लेकर वार्ड मेंबर तक की भीड़ नजदीक के सरकारी अस्पताल में जुट गई। लोग चुपके-चुपके कोरोना का टीका लगवाने में जुट गए और अपना प्रमाण पत्र तैयार कर चुके हैं। अब बिहार के सभी गांवों में चुनावी हलचल सुनाई देने लगी है। चुनावी हवा ने लोगों के दिन का चैन और रात की नींद छीन ली है।
देखा जाए तो बिहार में अलग-अलग दस चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। यह २० सितंबर, २४ सितंबर, चार अक्टूबर, आठ अक्टूबर, १८ अक्टूबर २२ अक्टूबर, ३१ अक्टूबर, सात नवंबर, १५ नवंबर और २५ नवंबर तक मतदान कराया जाएगा।
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पंचायत चुनाव: आवश्यक पुलिस बल के लिए मुखयालय को रिपोर्ट भेजी
पटना/बक्सर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर बिहार के सभी जनपदों ने आवश्यक पुलिस बल का आंकलन कर रिपोर्ट पुलिस मुखयालय भेज दी है। इसके बाद चरणवार पुलिस बलों की नियुक्ति की जानी है। पुलिस मुख्यालय ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। चुनाव में इस बार केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं की जाएगी। इस बार बिहार पुलिस, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल और होमगार्ड के जवानों कोही पंचातय चुनाव में खास कर लगाया जाएगा। चलंत दस्ते में शामिल लाठी बल की भी चुनाव ड्यूटी लगेगी। पुलिस प्रशासन को अभी से विशेष सर्तकता बरतने का निर्देश दिया गया है। चुनाव प्रभावित करने वाले आपराधिक छवि के लोगों एवं दबंगों पर कड़ी नजर रखते हुए उन्हें नियमित थाने में हाजिरी लगाने का निर्देश दिया गया है।