गाजीपुर। जनपद विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट प्रथम राकेश कुमार सप्तम की अदालत ने गुरुवार को नाबालिक पीड़िता के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में 180 दिन में दो आरोपियों को सुनाई 20-20 साल की कड़ी सजा। साथ ही प्रत्येक पर 45-45 हजार रुपये का अर्थदंड लगाते हुए 75 प्रतिशत राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है।
*छह महीने बाद पीड़िता को मिला न्याय*
**अभियोजन के अनुसार थाना रेवतीपुर एक गांव निवासी वैयक्ति ने 19 जून 2023 को इस बात का तहरीर थाने में दिया कि उसकी नाबालिक पुत्री उसके बड़े भाई के घर गई थी। तकरीबन रात आठ बजे घर वापस आ रही थी कि रास्ते में पहले से घात लगाए गांव के ही अनूप यादव तथा मिंटू राजभर उसे जबरदस्ती गांव से करीब 500 मीटर पर ले गए तथा उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़िता के शोर पर वादी वहाँ पहुचा तो उसने अपनी नाबालिक पुत्री व दोनों लड़कों को मौजूद पाया। दोनों अभियुक्त वादी को देखते ही जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए वादी की सूचना पर थाना रेवतीपुर में मुकदमा दर्ज हुआ और पुलिस ने दौरान विवेचना दोनों आरोपियों को पकड़कर जेल भेज दी। नाबालिक पीड़िता का डाक्टरी कराने के बाद न्यायालय में उसका बयान अंकित कराया और विवेचना उपरान्त दोनों आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में पांच जुलाई 2023 आरोप पत्र पेश किया। न्यायालय ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध 26 जुलाई 2023 को आरोप तय किया और विचारण शुरू हुए। अभियोजन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक रविकांत पांडेय ने कुल आठ गवाहों को पेश किया सभी गवाहों ने अपना -अपना बयान न्यायालय में दर्ज कराया। आरोपियों ने भी अपनी तरफ से तीन गवाहों को पेश किया। गुरुवार को दोनों तरफ की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने उपरोक्त सजा सुनाते हुए दोनों अभियुक्तों को जेल भेज दिया।