कोर्ट का डंडा: गैर इरादतन हत्या में चार अभियुक्तों को दस साल की कैद

मऊ। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर एक बुद्धि सागर मिश्रा ने बुधवार को १४ साल पुराने एक गैर इरादतन हत्या के मामले में चार अभियुक्तों को दोषी पाते हुए उन्हें दस वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया है।
प्रकरण मधुबन थाना क्षेत्र के सिसवा देवारा बबुआ का पूरा निवासी चंद्रभान चौहान से जुड़ा है। चंद्रभान ने मुकदमा दर्ज कराया था कि १५ जून २००७ की सुबह उसे सूचना मिली कि उसके लड़के उदय नारायन की हत्या लाठी-डंडे एवं गोली मारकर कर दी गई है। घटना को अंजाम देने वाले सिंहासन यादव, राजकुमार यादव उर्फ कुमार, ध्रुप यादव एवं चंद्रमा यादव आदि देवारा दुबारी थाना मधुबन के निवासी हैं। विवेचना पूर्ण होने के बाद विवेचक ने चारो अभियुक्तों के विरुद्ध भादवि की धारा ३०४ में आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। विचारण के दौरान न्यायालय में अभियोजन की तरफ से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता अजय कुमार सिंह ने कुल पांच गवाह पेश किए। जबकि बचाव पक्ष की तरफ से साक्षी के रूप में एक गवाह पेश किया गया। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने और दोनों पक्षों के तर्को को सुनने के बाद अपर जिला जज ने सभी चारों आरोपियों के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाते हुए उन्हें दोषी माना और आरोपीगण सिंहासन यादव, राजकुमार उर्फ कुमार, ध्रुप यादव और चंद्रमा यादव को १०-१० वर्ष का कारावास एवं पांच-पांच हजार के अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय कोर्ट में सुनाया। साथ में यह भी आदेश दिया कि यदि आरोपीगण अर्थदंड नहीं जमा करेंगे, तो उन्हें तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

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