छठ घाट पर उमड़ा आस्था का सैलाब


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अस्ताचलगामी सूर्य को व्रती महिलाओं ने दिया अर्घ्य
पारंपरिक गीत गाती हुई छठ घाट पहुंची महिलाएं
घाटों पर छठी मइया गीत की रही धूम

बलिया। संतान प्राप्ति एवं पुत्र की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने रविवार को निर्जला व्रत रखा। इस दौरान महिलाएं सुबह से घर की साफ सफाई और पकवान बनाने में जुटी रही। शाम को महिलाएं स्नान ध्यान करने के बाद सोलहों
श्रृंगार कर पारंपरिक गीत कांच ही बांस के बहंगियां, बहंगी लचकत जाए.. गीत गाती हुई तालाब, सरोवर, गंगा और घाघरा नदी के तटों पर प्रस्थान किया। शाम होते-होते पूरा घाट खचाखच भर गया। इस दौरान विभिन्न समितियों एवं नपाप, नपं के लोगों द्वारा घाटों को विद्युत उपकरणों से सजाया और प्रकाशित किया गया था। इसके अलावा ध्वनि यंत्र लगाकर छठ गीत बजाया जा रहा
था। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर अपने अपने क्षेत्र में पुलिस व खुफिया विभाग की टीम चक्रमण करती रही।
कांच ही बांस के बहंगियां, बहंगी लचकत जाए..। हथवा में फुलवा डलिया छठ पूजन जाय, छठी मइया होइहे सहइया छठ पूजन जाय..। उग हो सूूूरुज देव भीन
भिनसरवा, अरघ के बेरवा, पूजन के बेरवा हो..। सुगना के मरबो तीर धनुहिया..। छठी माई के घाटवा पे आज बाजन.. पारम्परिक गीत गुनगुनाते हुएव्रती महिलाएं शुक्रवार की शाम तीन-चार बजे से अपने-अपने घरों से टोली बनाकर घाट के लिए निकली। शाम होते होते पूरा घाट खचाखच भर गया। आलम यह रहा कि घाटों पर पैर रखने तक की जगह नहीं रही। इस दौरान व्रती महिलाओं ने सरोवर, पोखरा, ताला, गंगा, घाघरा, तमसा नदी के तट पर पहुंच भगवान भास्कर का पूजन-अर्चन किया। कुछ व्रती महिलाओं ने तालाब, सरोवर, नदी आदि मेखड़ा होकर पूजन किया। तत्पश्चात अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके बाद घाट मौजूद अपने से बड़ी महिलाओं का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इस दौरान नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न घाटों पर आस्था का सागर हिलोरें मार रहा था। सुख-समृद्धि एवं पुत्र की प्राप्ति तथा दीर्घायु की कामनाओं के लिए सुहागिनों ने भगवान भास्कर की पूजा की। मनोकामना पूर्ण होने पर घाटों पर गाजे-बाजे के साथ व्रती महिलाएं छठ घाट पर पहुंची। इसके अलावा घर से छठ घाट तक महिलाएं पहुंची।

सोमवार को व्रती महिलाएं उदयीमान सूर्य की पूजन-अर्चन करने के बाद अर्घ्य देंगी। तत्पश्चात बड़ों का पैर छूकरआशीर्वाद लेंगी और पारण करेंगी। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर जिले के सभी थाने की फोर्स अपने-अपने क्षेत्र में चक्रमण करती रही। इसके अलावा खुफिया विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी सादे वेेश में भ्रमण करते नजर आए।
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घाटों पर दिख रहा था रमणीय दृश्य
बलिया। नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के तालाब, पोखरा, सरोवर, गंगा व घाघरा घाट पर विभिन्न समितियों द्वारा विद्युत उपकरण व प्रकाश आदि
समुचित व्यवस्था की गई थी। शहर में नगर पालिका द्वारा नगर के टाउन हाल, रामलीला मैदान, शनिचरी मंदिर, महावीर घाट पर बिजली सजावट की व्यवस्था
किया गया था। इसके अलावा नगर के लाल घाट, हाईड्रिल कालोनी, बहादुरपुर व नगर से सटे निधरिया, अगरसंडा, मिड्ढा के घाटों पर विद्युत उपकरणों से
समिति व प्रधानों द्वारा सजाया गया था। इस दौरान ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो आसमान से तारे जमीन पर उतर आए हो।
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अभिभावकों की देखरेख में बच्चों ने छोड़े पटाखे
बलिया। छठ घाटों पर नन्हें-मुन्नें बच्चें अपने अभिभावकों की देखरेख में पटाखे छोड़ते नजर आए। आग से सुरक्षा के लिए विभिन्न समितियों द्वारा पानी, बोरी में भरकर बालू आदि की व्यवस्था की गई थी। इस दौरान प्रत्येक घाटों पर मेले जैसा माहौल दिख रहा था।
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घाटों पर चाय, पानी की थी व्यवस्था
बलिया। नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न घाटों पर विभिन्न
समितियों द्वारा लोगों के लिए स्टाल लगाकर चाय, पानी आदि की व्यवस्था की गई थी। जहां महिलाओं के साथ पहुंचे लोगों ने चाय, पानी का आनंद लिया।
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घाटों पर युवतियों व महिलाओं ने सेल्फी
बलिया। चार दिनों तक चलने वाले महापर्व डाला छठ पर्व पर रविवार को नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न घाटों पर पहुंची युवतियों व महिलाओं ने पूजा के बाद विभिन्न तरीके से सेल्फी लिया। इसके अलावा घाटों
पर ग्रुप में फोटो भी खींचवाया।
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भगवान भास्कर का खुला पट, महिलाओं ने की पूजा
बलिया। नगर के शनिचरी मंदिर स्थित घाट पर भगवान भास्कर की प्रतिमा का पट नगर पालिका चेयरमैन अजय कुमार ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खोला। इसके
बाद घाट पर पहुंची व्रती महिलाओं ने भगवान भास्कर का पूजा कर परिवार के मंगलमय की कामना की। इस मौके पर सभासदगण व समिति के सदस्य मौजूद रहे।

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