स्वतंत्रता दिवस : जन्मदात्री माँ और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर हैं

नागजी विद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय रामकथा वाचक प्रेमभूषण जी महाराज ने किया ध्वजारोहण
बलिया। 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नागाजी सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय माल्देपुर-बलिया में प्रेम मूर्ति अंतर्राष्ट्रीय रामकथा वाचक प्रेमभूषण जी महाराज ने ध्वजारोहण किया।

इस मौके पर विद्यालय के भैयाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अपना देश भारत दुनिया का अद्भुत देश है। जिसका वर्णन वेद, पुराण व उपनिषदों में भी है। उन्होंने बताया कि विष्णु पुराण में कहा गया है कि उत्तरंयत् समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम्। वर्षं तद् भारतं नाम भारती यत्र सन्ततिः || अर्थात समुद्र के उत्तर में और हिमालय के दक्षिण में जो देश है उसे भारत कहते हैं तथा उसकी संतानों (नागरिकों) को भारती कहते हैं।

अपने देश का भौगोलिक संरचना अद्भुत है। उन्होंने संस्कृत के श्लोक से वर्णन करते हुए कहा कि हिमालयं समारभ्य यावत् इंदु सरेावरम्।
तं देवनिर्मितं देशं हिंदुस्थानं प्रचक्षते।। अर्थात हिमालय पर्वत से शुरू होकर हिन्द महासागर तक फैला हुआ यह ईश्वर निर्मित देश है। जिसे “हिंदुस्थान” कहते हैं।

आप सभी भैया-बहनों को याद रखना चाहिए कि अपने देश से राजा राम की तरह प्रेम करना चाहिए और उन्होंने बताया कि अपि स्वर्णमयी लंका न में लक्ष्मण रोचते।
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी॥ अर्थात हे लक्ष्मण! यह स्वर्णमयी लंका मुझे अब भी अच्छी नहीं लगती। जन्मदात्री माँ और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर होते हैं।

स्वतंत्रता के इस महान पर्व को हम संगठित होकर मनाएं एवं अमृतकाल में विकसित भारत के संकल्प को और भी सशक्त एवं समृध्‍द बनाएं। मां भारती की रक्षा एवं देश की स्वतंत्रता में अपना सर्वस्व न्‍योछावर करने वाले सभी स्वतंत्रता सेनानियों को कोटि-कोटि प्रणाम।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री उपेन्द्र तिवारी, विद्यालय प्रबंध समिति के प्रबंधक संजय कुमार कश्यप, विद्यालय के प्रधानाचार्य शैलेन्द्र त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।
इस दौरान अतिथि परिचय विद्यालय के आचार्य अरुण मणि ने कराया और कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य मनोज कुमार अस्थाना ने किया।

Please share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!