*मनरेगा के तहत कराया गया विकास कार्यों में गड़बड़ी !*
*मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों में गड़बड़ी की शिकायत पर स्टेट क्वालिटी मानीटर जांच करने पहुंचे*
*नगसर मीर राय ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर का बारीकी से किया स्थलीय सत्यापन, अभिलेखों की पडताल*
गाजीपुर। जनपद के रेवतीपुर विकास खंड मुख्यालय पर शनिवार को शासन के निर्देश एवं ग्राम्य विकास विभाग के प्रमुख सचिव के आदेश पर तीन अलग-अलग गावों में मनरेगा के तहत कराए गए विभिन्न कार्यों में गड़बड़ी की शिकायत पर स्टेट क्वालिटी मानिटर ( एसक्यूएम) सीताराम मौर्य अचानक ब्लाक मुख्यालय धमक पड़े। सबसे पहले वह टीम के साथ नगसर मीर राय ग्राम पंचायत में बने अमृत सरोवर का बारीकी से स्थलीय सत्यापन करने के साथ ही अभिलेखों की भी पड़ताल किया। साथ उन्होंने सरोवर की नाप-जोख भी कराई। इसके उपरांत वहां से नूरपुर पंचायत में उच्च प्राथमिक परिषदीय विद्यालय की बनाई गई बाउंड्रीवाल की लंबाई, चौड़ाई के साथ ही प्रयुक्त निर्माण सामाग्रियों की जांच पड़ताल की गई। इसके उपरांत वह सीधे डेढ़गावां पहुंचे, जहाँ मनरेगा के जरिए कराए गए इंटरलाकिंग के कार्यों का भौतिक सत्यापन कराने के साथ ही उसकी नाम जोख भी कराई गई। इन तीनों गावों में जांच पड़ताल करने के बाद उन्होंने जरूरी अभिलेख व जांच रिपोर्ट को सीलबंद कर अपने साथ लेते गए।पूरे जांच प्रक्रिया के दौरान अधिकारियों की सांसें फूलती रही। इस दौरान अधिकारी पूरी तरह सहमे रहे। जांच अधिकारी एवं एसक्यूएम सीताराम मौर्य ने निर्देश दिया कि शासन की मंशा के अनुरूप कराए जा रहे विभिन्न कार्य मानक के अनुसार निर्माण सामाग्रियों का प्रयोग करने का निर्देश दिया।
मालूम हो कि मनरेगा के कार्यों में गड़बड़ी को लेकर आ रही शिकायतों पर शासन ने कराए गए कार्यों की गुणवत्ता की जांच स्टेट क्वालिटी मॉनीटर से कराने का निर्णय लिया है। गांवों में जरूरतमंदों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) लागू है।प्रत्येक पंजीकृत परिवार को 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी गई है। मनरेगा के तहत कार्य कराने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत के अलावा अन्य कार्यदायी विभागों को सौंपी गई है। इस अवसर पर एपीओ विनय दूबे, सचिव मीनू राय, रजनीकांत पांडेय, सुधीर प्रताप आदि मौजूद रहे। स्टेट क्वालिटी मानीटर सीताराम मौर्य ने बताया कि शासन के निर्देश पर तीनों गावों में कराए गए कार्यो की जांच कर रिपोर्ट सीलबंद कर दी गई है, जो शासन को प्रेषित की जाएगी।