बलिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा विभाग व सेवा भारती के तत्वावधान में दीनदयाल शाखा द्वारा पालित निधरिया ग्राम के सेवा बस्ती में चलने वाली लछिराम बाबा बाल संस्कार केंद्र पर रक्षाबंधन का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
सर्वप्रथम संस्कार केंद्र की संचालिका संध्या व केंद्र पर पढ़ने वाले बच्चों द्वारा आगंतुक अतिथियों को रक्षासूत्र बांधा गया। फिर सभी बच्चों ने एक दूसरे को आपस में भी रक्षासूत्र बांधा।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में बलिया के विभाग संघचालक रामप्रताप ने उपस्थित बालक- बालिकाओं व ग्रामवासियों को रक्षाबंधन पर्व की शुभकामना देते हुए रक्षाबंधन पर्व के महत्ता को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व केवल भाई बहन का ही पर्व नहीं है, अपितु प्रकृति का भी पर्व है। इस पर्व पर समाज का प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे को रक्षासूत्र बांधकर अपनी ओर से संकल्प लेता था कि जिसको मैं रक्षासूत्र बांध रहा हूँ उसकी रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहेंगे और जो उससे बंधता था वह स्वयं से ही संकल्पित होता था कि जिसने इतना बड़ा स्नेह दिया, इतना बड़ा विश्वास हम पर किया उनकी रक्षा किन्ही भी परिस्थितियों में हम करने के लिए तैयार रहेंगे और यही जो इस कार्यक्रम की मूल रचना है। संगठन की प्रारंभिक सीढ़ी बनती है। हमारा यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सन 1925 से चलने वाला संगठन है जिसका एकमात्र उद्देश्य इस देश मे हिन्दू समाज के संगठन का कार्य करना है। संगठन का कार्य तभी होगा जब हम एक दूसरे पर विश्वास करते हुए एक दूसरे के प्रत्येक परिस्थितितियों में सहयोग और रक्षा का भाव लें तभी हम एक दूसरे से जुड़ पाएंगे और संगठन चल पाएगा। उन्होंने आगे बताया कि संघ की कार्य पद्धति में हिंदू समाज में आदिकाल में प्रचलित तथा समाज का मार्गदर्शन करने वाले छह प्रमुख उत्सव में से एक यह रक्षाबंधन उत्सव को माना गया है। इस अवसर पर स्वयंसेवक जहां हिंदू संस्कृति के मान बिंदुओं की रक्षा का संकल्प लेता है। वहीं समाज में समरसता उत्पन्न करने के लिए भी अग्रसर होता है।इस अवसर पर उन्होंने स्वयंसवकों से समाज में घुल मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।
अपने अध्यक्षीय उदबोधन में बलिया विभाग के विभाग प्रचारक तुलसीराम ने बताया कि संघ स्वयं की प्रेरणा से समाज के प्रत्येक क्षेत्र में, चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो, संस्कार का क्षेत्र हो या चिकित्सा का क्षेत्र हो तथा अनान्य क्षेत्रों में जाकर कार्य करतें है। क्योंकि संघ मानता है कि यह देश मेरा है। यहां के लोग मेरे हैं, मेरे अपने हैं। अपने वह भी हैं जो वंचित हैं, जो पीड़ित हैं, जो हमसे दूर हैं। जिनको हम समीप ला रहें हैं। यही सामाजिक परिवर्तन है। संघ का दो प्रकार का कार्य है। एक है व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करना और दूसरा समाज परिवर्तन करना। समाज परिवर्तन से समाज की जो कुरीतियां हैं जो हमें समाज से अलग करती हैं उन्हें दूर कर समाज को समरस बनाने का कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने स्वयंसेवको के माध्यम से करता है। उन्होंने आगे बताया कि संघ वर्ष भर में छह उत्सव मनाता है। उन्ही में से एक यह अपना सामाजिक समरसता का प्रतीक रक्षबन्धन उत्सव है।जो सभी प्रकार के भेद भाव को मिटाकर समरस समाज के भाव का जागरण करता है।
कार्यक्रम के अंतर्गत श्री लछिराम बाबा बाल संस्कार की संचालिका सन्ध्या, श्री लछिराम बाबा विधि परामर्श केंद्र के संचालक वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल सिंह, दीनदयाल शाखा के शाखा सेवा कार्यकर्ता दिवाकर दुबे, केंद्र की हर प्रकार की चिंता करने वाले अजय, केंद्र पर संसाधनों की व्यवस्था करने वाले अनिल कुमार तिवारी, रविन्द्र प्रसाद, राजेश सिंह व आकाश आदि को मुख्य अतिथि रामप्रताप सिंह व विभाग प्रचारक तुलसीराम द्वारा सम्मानित किया गया और उस क्षेत्र के लोगों व बहनों को रक्षासूत्र बांधकर व प्रसाद वितरण के बाद कार्यक्रम संपन्न हुआ।
आभार ज्ञापन जिला कार्यवाह हरनाम द्वारा किया गया।
इस कार्यक्रम का सञ्चालन जिला सेवा प्रमुख डॉ. सन्तोष तिवारी व अतिथियों का परिचय शाखा कार्यवाह पंचानन सिंह द्वारा किया गया।
इस अवसर पर उपरोक्त बंधुओं के साथ जिला शारीरिक शिक्षण प्रमुख सत्यव्रत, सह जिला संपर्क प्रमुख सौरभ पांडेय, नगर शारीरिक शिक्षण प्रमुख चंद्रशेखर, नगर प्रचारक अविनाश, शमशेर बहादुर सिंह, अधिवक्ता सतेंद्र, दिलीप, कृष्णा आदि बन्धु व अन्य ग्रामवासी बन्धु, माताएं व बहने उपस्थित थीं। उपरोक्त जानकारी जिला प्रचार प्रमुख मारुति नंदन द्वारा दी गई।