सारण। महर्षि सद्गुरू सदाफलदेव आश्रम सिंगही के प्रांगन में अनंत विभूषित सद्गुरु सदाफलदेव जी महाराज का १३४वीं जन्मजयन्ती तीन कुंडीय वैदिक हवन यज्ञ तथा भजन – प्रवचन के साथ सम्पन्न हुआ। जिसमें मुख्य रूप से विहंगमयोग सन्तसमाज सारण जिला के संयोजक महात्मा महतो के द्वारा बताया गया कि ब्रह्मविद्या क्या है ? ब्रह्मविद्या के द्वारा आत्मा सद्गुरु के बताए गए युक्ति के समर्पण के द्वारा परमात्मा की प्राप्ति करता है।

आत्मा और परमात्मा के स्वच्छ स्वरूप को ही योग कहा जाता है। इतना ही नहीं अन्य अपराविद्या के द्वारा मन, बुद्धि, वाणी से भौतिकता को प्राप्त किया जाता है। इस पावन अवसर पर विहंगमयोग संत समाज सारण के वरिष्इ गुरु शिष्य उमाशंकर सिंह, सारण जिला परिषद पूर्व अध्यक्ष राजेंंद्र प्रसाद राय, उदय शंकर साह समेत उत्तर -बिहार अन्न प्रभारी ब्रह्मानंद सिंह, आश्रम हब इंचार्ज प्रदीप कुमार समेत सैकड़ों शिष्य एवं शिष्याओं कि गरिमामयी उपस्थिती रही।
छपरा से सत्येंद्र नारायण सिंह की रिपोर्ट…