गाजीपुर। पुरानी रार के चलते किसान नेता वंशनारायण उर्फ मुन्ना यादव को बीते २७ मई २०२१ को हथियारबंद हमलावरों गोली मारकर जख्मी कर दिया गया था। उसी समय से उनका वाराणसी में इलाज चल रहा था। बुधवार की देर रात उनकी मौत हो गई। गुरुवार को शव घर आते ही पूरे इलाके में मातम छा गया। परिजनों में रूदन-क्रंदन जारी था।

थाना क्षेत्र के पातेपुर निवासी युवा किसान नेता बंशनारायन यादव उर्फ मुन्ना की बुधवार को वाराणसी के सिंह अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। मई माह में गोली लगने के कारण वह गंभीर रूप से घायल थे और उनका उपचार वाराणसी के सिंह अस्पताल में चल रहा था। घटना के करीब तीन माह बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। किसान नेता बंशनारायन यादव की मौत से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। जनपद के किसान भी काफी मर्माहत हैं। वाराणसी में पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर गुरुवार को घर पहूंचे तो पूरा माहौल गमगीन हो गया।
इलाके के संघर्षशील एवं मिलनसार किसान नेता रहे बंशनारायन जिला पंचायत का चुनाव भी लड़ें थे। लेकिन राजनीति में पटखनी खा गए थे। पूरे दिन उनके आवास पर लोगों की भीड़ जमी रही। उनकी पत्नी किरन देवी का रो-रो कर बुरा हाल था। उनका पुत्र युवराज और एक पुत्री मुस्कान भी पिता की मौत के बाद चीत्कार उठे थे। उनका अंतिम संस्कार इलाके के सुल्तानपुर घाट पर किया गया। अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल रहे। मुखाग्नि उनके पुत्र युवराज यादव ने दिया ।
सनद रहे कि बीते २७ मई २०२१ को हमलावरों द्वारा किसान नेता बंशनारायन यादव को गोली मार दी गई थी। परिजनों के अनुसार कुछ वर्ष पहले से पड़ोसियों से रंजिश चली आ रही थी। इसी को लेकर हमलावरों ने गोली मारकर घायल कर दिया था। गोली लगने के बाद परिजन वाराणसी अस्पताल पहुंचे, जहां सिंह अस्पताल में लगभग तीन माह से उनका उपचार चल रहा था। जिसमें तहरीर के आधार पर पातेपुर गांव के चार आरोपियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर चालान कर दिया गया था। वर्तमान में चारों आरोपी जेल में हैं।