पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही मचा कोहराम

झारखंड के गिरिडीह में हुई घटना से जवानों में शोक
गाजीपुर। सादात थाने के शिकारपुर निवासी सीआरपीएफ जवान संतोष यादव (40) का मंगलवार को हृदय गति रुकने से
निधन हो गया। वाकया झारखंड के गिरिडीह में परेड के दौरान हुआ।
बुधवार को जवान का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया। सीआरपीएफ वाराणसी के असिस्टेंट कमांडेंट के नेतृत्व में जवानों ने अंतिम सलामी दी। सैदपुर के जौहरगंज स्थित श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
शिकारपुर गांव निवासी संतोष यादव (40) वर्ष 1999 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। वे वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ में तैनात थे। कुछ दिन पूर्व वह झारखंड के गिरिडीह में ट्रेनिंग लेने आए थे। मंगलवार की सुबह परेड के दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई थी। उन्हें उपचार के लिए ले जाया गया था, जहां हृदयगति रूकने से निधन हो गया। इधर परिजनों को घटना की जानकारी होते ही कोहराम मच गया। इधर प्रयागराज से पत्नी और दोनों बच्चे भी गांव पहुंच गए थे। जवान के दोनों बच्चे प्रयागराज में रहकर पढ़ाई करते हैं। पार्थिव शरीर दूसरे दिन सुबह 9.30 बजे उनके पैतृक गांव शिकारपुर पहुंचा। गांव में कोहराम मच गया। सैकड़ों की भीड़ के बीच जैसे ही जवान का पार्थिव शरीर वाहन से उतरा, उसे देखकर घर परिवार के लोग दहाड़े मारकर रोने बिलखने लगे। वहां उपस्थित लोगों की आंखे भी नम हो गई। पत्नी अनिता यादव का रो रोकर बुरा हाल था। उनके बड़े पुत्र लकी और पुत्री कली अपने पिता का मृत देखकर अचेत हो गए। जवान के पिता चन्द्रदेव के आंखों से गिर रहे आंसू को देख वहां लोगों के आंखों में आंसू भर गया। थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार यादव और सीआरपीएफ वाराणसी के असिस्टेंट कमांडेंट सुजय कुमार के नेतृत्व में जवानों ने सलामी दी। इस दौरान संतोष यादव अमर रहे के नारों से वातावरण गूंज उठा। सेना और सीआरपीएफ में भर्ती होने की तैयारी करने वाले क्षेत्र के सैकड़ों युवक नारे लगाते रहे। सैदपुर के जौहरगंज स्थित श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।

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