चिकित्सक ने दी है 15 दिनों तक पत्नी के साथ रहने की सलाह..
सक्षम पुलिस अधिकारी ने किया अग्रसारित
बलिया। एक पुलिस कांस्टेबिल का अनोखा पत्र विभाग को प्राप्त हुआ है। सिपाही द्वारा 15 दिनों के अवकाश के लिए यह अजीबोगरीब आवेदन दिया है। जिसमें सिपाही ने शादी के बाद “खुशखबरी” के लिए ईएल मांगा है। उसने पत्र में पत्नी के साथ रहने के लिए डॉ. की सलाह का भी जिक्र किया है। डायल 112 में तैनात कांस्टेबिल सुनील यादव के इस पत्र को लेकर पुलिस अफसर चुप्पी साधे हुए हैं। पत्र में लिखा है कि साहब, शादी के बाद ‘खुशखबरी’ के लिए 15 दिन की छुट्टी चाहिए।काम का दबाव, परिजनों से दूरी या फिर कई अन्य वजह है जिससे विभाग सै छुट्टी नहीं मिलती। इससे जवान परेशान हैं। भाग-दौड़ व चिरौरी-विनती के बाद किसी तरह जरूरी कार्यों के लिए दो-चार दिनों का अवकाश जरूर मिलता है। ऐसे में और भी कई जवान अवकाश के लिए अजीबो-गरीब तर्क दे रहे हैं। बलिया जनपद के डॉयल 112 में तैनात कांस्टेबल सुनील कुमार यादव भी पीड़ित पुलिस कर्मियों में से एक है। उसने छुट्टी के लिए जो आवेदन दिया है, वह बेहद रोचक और अनोखा है।सिपाही ने लिखा है कि ‘महोदय, प्रार्थी की शादी को सात महीने हो गए, अभी तक कोई खुशखबरी नहीं मिली है।
डॉक्टर के सलाह के अनुसार दवा ले ली है। उन्होंने पत्नी के साथ रहने को कहा है। 15 दिनों तक प्रार्थी घर पर निवास करना चाहता है। उसने अंत में लिखा है कि श्रीमान से निवेदन है कि प्रार्थी को 15 दिवस का ईएल देने की कृपा करें। सक्षम अधिकारी ने इसे संस्तुति देते हुए अग्रसारित भी कर दिया है। सूत्रों की मानें तो यह एक बानगी भर है। विभाग में अन्य कई ऐसे जवान हैं, जो अवकाश के लिये परेशान हैं। जनपद ही नहीं प्रदेश के किसी भी जगह पर तनाव होते ही सबसे पहले पुलिसकर्मियों की छुट्टी बंद कर दी जाती है। विभागीय लोगों की मानें तो छोटे-बड़े चुनावों के अलावा होली, दीपावली, दशहरा, ईद, बकरीद, मोहर्रम आदि तीज- त्योहार पर अवकाश देने की प्रक्रिया को बंद कर दी जाती है।पुलिस अथवा अन्य सरकारी महकमों में महिलाओं के लिए मातृत्व तथा पुरुषों के लिए पितृत्व अवकाश का प्रावधान है। हालांकि दोनों के अवकाश लेने के समय में बड़ा अंतर है। महिलाओं को जहां पहले 135 दिन का मातृत्व अवकाश मिलता था, वहीं शासन ने कुछ साल पहले इसे बढ़ाकर 180 दिन कर दिया।इसी प्रकार पुरुषों को 15 दिन का पितृत्व अवकाश मिल सकता है। विभागीय अधिकारी के अनुसार यह अवकाश पूरी नौकरी के दरमियान केवल दो बार ही दिया जा सकता है। यह अवकाश तब भी लिया जा सकता है, जब कर्मचारी की पत्नी को प्रसव होने वाला हो या वह किसी रोग से ग्रसित हो।