जिला अस्पताल से भ्रष्टाचार मिटाने की कड़वी दवा क्यों नहीं खोज रही सरकार ?

बलिया। हर क्षेत्र में हम प्रगति के पद पर भले ही अग्रसर हों, लेकिन भ्रष्टाचार की बात आते ही हमारा सिर झूक जाता है। जिला अस्पताल में भी इन दिनों रोज भ्रष्टाचार के गड़े मुर्दे उखाड़े जा रहे हैं। इसमें मंशा क्या है, यह हम नहीं जानते। लेकिन यह सत्य है कि भ्रष्ट तंत्र यहां हावी है? यहां की कहानी भी किसी से छुपी नहीं है। भ्रष्टाचार के फंदे में फंसे तीमारदार आए दिन सुबकते हैं। एक माह में भ्रष्टाचार को नजदीक से देखने के बाद कुछ समाजसेवी, भाजपा के पूर्व विधायक और अब छात्रनेता हिम्मत जुटा कर मुखर हुए। इससे कुछ सुधार की गूंजाइश जरूर हुई है, लेकिन दो-चार दिन बाद अस्पताल पुन: अपने पुराने डर्रे पर चलने लगता है।

सूबे में सत्ता, जनप्रतिनिधि और अफसर समय-समय पर बदलते रहते हैं। लेकिन भ्रष्टाचार दशकों प्रभावी है और कुंडली मारे बैठा है। सरकारी अस्पताल में इलाज कराने आम आदमी और लाचार और गरीबत लोग पहुंचते हैं। इन्हें बेहतर सुविधा पहुंचाने की मंशा सरकार की जरूर है, लेकिन वह फलीभूत नहीं होता। क्या स्वास्थ्य महकमे में फल-फूल रहे भ्रष्टाचार को मिटाने की कोई कड़वी दवा नहीं खोजी जा सकती ? शुक्रवार को जिला अस्पताल में एक बार फिर भ्रष्टाचार से दु:खी छात्रसंघ के नेता एवं छात्रों ने बलिया बंद करने के साथ ही जिला अस्पताल में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए। लेकिन देर शाम सिटी मजिस्ट्रेट के सुझ-बूझ से यह अनशन समाप्त हो गया।
जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार को लेकर चल रहा छात्रों का धरना- प्रदर्शन शुक्रवार की देर शाम अधिकारियों के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया। सिटी मजिस्ट्रेट नागेंद्र सिंह एवं सीओ भूषण वर्मा ने छात्रों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। कहा कि सरकारी डाक्टर प्राइवेट प्रेक्टिस नहीं करेंगे। तीन साल से अधिक जमे चिकित्सकों को यहां से स्थानांतरण किया जाए। इतना ही नहीं जिला अस्पताल कें सीएमएस के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा जाएगा। छात्र नेताओं पर दर्ज फर्जी मुकदमे पर सार्थक पहल की जाएगी। सिटी मजिस्ट्रेट ने सभी को जूस पिलाकर धरना को समाप्त कराया। धरना देने वालों में मुख्य रूप से नागेंद्र बहादुर सिंह, शिप्रांत सिंह, आशुतोष ओझा, विकास पांडेय लाला आदि छात्र नेता मौजूद रहे।
इनसेट…
-पूर्वांचल छात्र संघर्ष समिति द्वारा आहुत छात्र कर्फ्यू स्थानीय क्षेत्र में बेअसर साबित रहा। हालांकि दादर डिग्री कालेज के छात्र नेताओं के नेतृत्व में छात्रों ने स्थानीय बस स्टेशन चौराहे पर शुक्रवार को सीएमएस के विरोध में प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्रों का समूह नारेबाजी करते हुए दुकानों को बंद कराने का भी प्रयास किया, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस छात्र नेताओं को अपने गाड़ी में बैठाकर थाने लेकर चली गई। गिरफ्तार होने वालों में बृजेश यादव, अजीत यादव, सुमन्त तिवारी, घनश्याम गोंड, मार्कण्डेय यादव, अतुलेश यादव, शशिकांत यादव, शहजाद अंसारी, अनिकेत साहनी आदि शामिल रहे।

Please share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!