Ballia: जिलाधिकारी के तबादले के बाद नगर पालिका का “हैंडपंप” घोटाला ठंडे बस्ते में

BALLIA. जिलाधिकारी के तबादले के बाद नगर पालिका का घोटाला ठंडे बस्ते मेंबलिया। एक-दो करोड़ का नहीं नगर पालिका बलिया के मेगा प्रोजेक्टों में शामिल 20 करोड़ रुपये की इंडियामार्का हैंडपंप योजना में जनता की गाढ़ी कमाई का जमकर बंदरबांट किया गया है। एक आरटीआई के परिप्रेक्ष्य में ईओ ने जब जांच की तो पता चला था कि हैंडपंप की बोरिंग सिर्फ 65 फीट है। जबकि मानक 130 फीट का है। इसके बाद नगर पालिका के ठेकेदार ने रातारोत हैंडपंप को उखाड़ फेंक दिया था। उस वक्त मामला सुर्खी बनने के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने मामले में जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन उनके जाने के बाद मामला एकदम से ठंडे बस्ते में चला गया।
मामला बनकट्टा मुहल्ले के एक हैंडपंप का था, उपरोक्त घटनाक्रम तो सिर्फ एक बानगी है, लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नगरवासियों को शुद्धजल उपलब्ध कराने की दिशा में पूरे नगर के 25 वार्ड में लगभग 365 हैंडपंप गाड़े गए थे। ऐसे में बाकी हैंडपंपों की क्या दशा आज कैसा है इसका अंदाजा आप सहज ही लगा सकते हैं। फिलहाल आरटीआई मांगने वाले कार्यकर्ता सोनू गुप्ता को अभी भी जवाब का इंतजार है। जबकि मामला एक साल पुराना है। इस सिलसिले में जब ईओ दिनेश विश्वकर्मा से लेकर जांच अधिकारी जलकर शकील से संपर्क किया गया तो फोन उठाना ही मुनासिब नहीं समझे। गौरतलब हो कि पूरे नगर में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नगर पालिका ने नगर के कुल 25 वार्डों में 20 करोड़ रूपये की लागत से कुल 365 हैंडपंप गाड़े थे। इसी क्रम में नगर के बनकट्टा मुहल्ले में भी एक हैंडपंप गाड़कर उसे बीते छह जून २०२० को लोकार्पण कर दिया गया, इसके बाद स्थानीय निवासी सोनू गुप्त ने शंका होने पर नगर पालिका बलिया ईओ दिनेश विश्वकर्मा से जानकारी मांगी तो नगर पालिका ईओ ने कहा कि आरटीआई के जरिए जवाब मांग लीजिए, इस पर जब सोनू गुप्ता ने छह बिंदुओं पर जानकारी मांगी तो ईओ कान खड़ा हुआ और आनन-फानन में जलकर अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त कर मौके की जांच करने भेजे इसके बाद जब हैंडपंप की बोरिंग चेक की गई और कर्मचारी उसकी पाइप निकालकर नापे तो पता चला कि बोरिंग महज 65 फीट की गई थी। फिलहाल जांच रिपोर्ट जांच अधिकारी शकील के पास है और ईओ के जरिए रिपोर्ट आरटीआई कार्यकर्ता को देने की बात जांच अधिकारी ने स्वीकारी है। लेकिन जांच में जो खुलासा हुआ उसके बाद से ही विभाग सकते में है। अब मामले की लीपापोती की कोशिश में जुट गए हैं। मामले का पर्दाफाश हो सकता है बशर्ते वर्तमान डीएम इसे संज्ञान में लें तब।


हज 20 दिन बाद ही उखाडऩा पड़ा था नल
बलिया।
गौरतलब हो कि इंडियामार्का हैंडपंप को बीते छह जून को ही जनता-जनार्दन के लिए प्रयोग में लाया गया था, लेकिन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा हैंडपंप महज 20 दिन 26 जून यानी शुक्रवार को उखाडऩा पड़ा। नल भले ही उखड़ गया हो, लेकिन नगर पालिका के भ्रष्टाचार की पोल खुल गई है।


जांच अधिकारी बोले थे ईओ को सौंपेगे रिपोर्ट
बलिया।
जांच अधिकारी जलकर शकील ने बताया कि बोरिंग 65 फीट पाई गई है, जांच रिपोर्ट ईओ को सौंप दी जाएगी, आगे की कार्रवाई ईओ करेंगे। उधर जब इस संबंध में ईओ दिनेश विश्वकर्मा से संपर्क करने की कोशिश की गई है तो उन्होंने हमेशा की तरह फोन उठाना ही मुनासिब नहीं समझा.

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