बलिया। आरटीआई के तहत तय समय पर सूचना उपलब्ध ना कराना बलिया जिलाधिकारी को भारी पड़ गया। उत्तर प्रदेश सूचना आयोग ने 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी बलिया के वेतन से अधिरोपित अर्थदंड की वसूली तीन समान मासिक किश्तों में कराने का आदेश दिया है।
हुआ यूं कि वरिष्ठ अधिवक्ता सोनू गुप्त दिनांक सात मार्च २०१९ को सूचना मांगी थी कि शहीद पार्क में किसके आदेश से महात्मा गांधी की प्रतिमा शौचालय के सामने स्थापित की गई है। महिलाओं के लिए बने शौचालय का इस्तेमाल पुरूष किस अधिकार और किसके आदेश से कर रहा है। गांधी जी की जो प्रतिमा लगी है वह कितने स्कॉयर फीट में लगी है। शहीद पार्क के अंदर जिन विभूतियों का स्मारक है उसके रखरखाव के जिम्मेदार कौन है और इसके लिए हर कितने पैसा खर्च किए जाते हैं। लेकिन अफसोस संबंधित सूचना अधिकारी से कोई सूचना प्राप्त नहीं हुआ। इसके बाद जब उन्होंने जिलाधिकारी से सूचना मांगी तो भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। अंतत: सोनू गुप्त ने राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया। जिस पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सूचना आयोग ने बीते १६ अगस्त २०२१ को आदेश पारित किया कि तत्कालीन जन सूचना अधिकारी जिलाधिकारी बलिया के वेतन से अधिरोपित अर्थदंड की वसूली तीन समान मासिक किश्तों में कराया जाना सुनिश्चित करें।