बलिया। चार-चार मौतें हुईं, दर्जनों लोग घायल हुए, बावजूद नेशनल हाईवे पर बने गड्ढे को पाटना न विभाग ही मुनासिब समझा और न ही जिले के आलाधिकारी। लेकिन गुरुवार को जब प्रदेश के सीएम योगी के आने की सूचना मिली तो विभागीय अधिकारी सहित आला अफसरों की तंद्रा टूट गई और आनन-फानन में सड़क को पाटने का कार्य युद्धस्तर पर जारी कर दिया। हालांकि इससे लोगों को बहुत राहत नहीं मिली है। पूरा राष्ट्रीय राजमार्ग गड्ढे में तब्दील है और लोग मरम्मत की बाट जोह रहे हैं। हम बात कर रहे योगी जी के कार्यक्रम स्थल नागाजी विद्या मंदिर से महज सौ मीटर की दूरी पर नेशनल हाईवे पर बने जानलेवा गड्ढे की।

ज्ञात हो कि यहां गड्ढा इतना जानलेवा है कि बीते एक वर्षों में जहां चार मौते हुईं है, वहीं दर्जनों लोग गिरकर चुटहिल हुए हैं। बात आम सड़क की हो तो समझ में आती है। लेकिन जब नेशनल हाईवे की बात हो तो बेशक सड्कें सपाट होनी चाहिए। क्योंकि इसी सड़क से हम एक से दूसरे प्रांत में जुड़ते हैं। उपरोक्त गड्ढो को लेकर आज तक स्थानीय लोगों ने दर्जनों बार आवाज उठाई, लेकिन न विभाग के कान में ही जूं रेंगा और न ही डीएम ही इस दिशा में कुछ किए। वैसे पूरे जनपद में भरौली से लगायत मांझी तक ऐसे गड्ढे आपको सैकड़ों मिलेंगे। लेकिन आज बात इस लिए हो रही है कि सीएम योगी देवरिया कला से सीधे बाईरोड इसी सड़क से नागाजी विद्या मंदिर पहुंचेंगे, ऐसे में यदि एनएच पर गड्ढा दिख गया तो हो सकता है कलई खुल जाए, लिहाजा डीएम साहिबा ने आनन-फानन में सड़क को पाटने का काम कर योगी की आंखों में धूल झोंक दिया। वैसे देखा जाए तो राष्ट्रीय राजमार्ग के मरम्मत एवं निर्माण की जिम्मेदारी एनएचएआई की है और इसके अधिकारी उदासीन बने हुए हैं। इन दिनों राष्ट्रीय राजमार्ग गड्ढे में तब्दील है और जनता परेशान है। जनता की समस्या को लेकर जिलाधिकारी को पहल करने और राष्ट्रीय राजमार्ग के बदहाली की रिपोर्ट केंद्र को भेजना जरूरी है। ऐसा उन्होंने किया भी है लेकिन क्या वजह जो सड़क अब तक नहीं बन रही थी वह सीएम के आते ही दुरूस्त हो गई। यह आम लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।