राज्यमंत्री समेत 50 लोगों पर कोर्ट में परिवाद दर्ज, 25 पुलिस कर्मी भी शामिल

बलिया/लखनऊ। सूबे के राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला के घर पीड़ित महिलाओं के साथ हुई मारपीट व गाली-गलौज का मामला एक बार फिर चर्चा में है। क्योंकि मंत्री के दबाव में पीड़ित पक्ष की तहरीर पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर न्याय न मिलने से निराश महिलाओं ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में वाद दाखिल की। इसके आधार पर मजिस्ट्रेट ने राज्यमंत्री समेत 40-50 लोगों के खिलाफ सोमवार को परिवाद दर्ज कर लिया। इस प्रकरण में कोतवाल बालमुकुंद मिश्रा सहित दो दर्जन पुलिसकर्मी भी आरोपी बनाए गए हैं।
नगर के बनकटा मोहल्ले के रहने वाली रानी देवी पत्नी लल्लन शाह ने बीते दिनों मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां परिवाद दर्ज करने के लिए याचिका दाखिल की थी। जिसमें उक्त मोहल्ले के रहने वाले कई पात्रों के बच्चों का निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार कानून

(आरटीई) के तहत प्रवेश हुआ है। इस योजना के तहत छात्रों/बच्चों को पाठ्य पुस्तक, ड्रेस आदि देना है। जिसके लिए सरकार द्वारा 5000 की सहायता राशि देने का प्रावधान है। दो साल से अधिक समय बीतने के बाद भी यह धनराशि नहीं मिलने पर पांच अप्रैल 2021 को रानी देवी सहित दर्जनों महिलाएं राज्यमंत्री के घर पहुंची थीं। महिलाओं का कहना है कि उनकी बात सुनते ही मंत्री और उनके भाई अचानक भड़क गए और सभी को धक्का देकर बाहर निकालने लगे। उनके साथ गालौ-गलौज और मारपीट भी की। इससे कई महिलाएं अर्धनग्न हो गई। वहां मौजूद मंत्री के साथियों ने उनके आभूषण तक छीन लिए थे। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने राज्य मंत्री सहित 50 लोगों पर परिवाद दाखिल किया है। इसमें शहर कोतवाल तथा करीब 25 पुलिस कर्मी भी शामिल हैं।

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