हाईस्कूल में “56” प्रतिशत अंक पाने के बाद भी आईपीएस बने “बलिया” के एसपी, पढ़े इनके सफलता का सफर….

तिलक कुमार
बलिया।
“सपनों में रख आस्था, कर्म तू किए जा। त्याग से ना डर, आलस परित्याग किए जा…।” कुछ इसी पंक्ति से जुड़ी है वर्तमान एसपी डा. विपिन टाडा के जीवन का सफर। हाईस्कूल में 56 तथा इंटरमीडिएट में 62 प्रतिशत अंक पाने के बाद भी वह सफलता की बुलंदियों को छूने में कामयाब रहे। पहले एमबीबीएस डाक्टर बने, फिर भी वे चुप नहीं बैठे और आगे के लिए न केवल प्रयास किया, बल्कि आईपीएस बनकर एक मिसाल कायम की।


आज की युवा पीढ़ी के लिए बलिया के वर्तमान पुलिस अधीक्षक डा. विपिन टाडा प्रेरणास्रोत हैं। ऐसे निराश युवाओं को जिन्होंने हाईस्कूल व इंटर में कम अंक अर्जित किए हैं, उनके अंदर उम्मीद की एक नई रोशनी जगाने का काम कर रहे हैं। वर्तमान एसपी का हाईस्कूल में 56 तथा इंटरमीडिएट में 62 प्रतिशत अंक रहने के बाद भी वे अपने लक्ष्य को हासिल करते गए। उनके जीवन के सफर पर गौर करें तो उन्होंने प्राइमरी की शिक्षा छोटे से स्कूल में हासिल की। पिछड़े ग्रामीण इलाके के रहने वाले विपिन टाडा रोज साइकिल से स्कूल जाते थे। उनकी शिक्षा में रूचि व मेहनत के बदौलत पहली बार सातवीं कक्षा में अव्वल आए और उन्हें खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इसके बाद तीव्र बुद्धि के होने के कारण उन्हें सीधे हाईस्कूल का एग्जाम घरवालों ने दिलवाया। जिसमें उन्होंने केवल ५६ प्रतिशत अंक ही हासिल कर सकें। इसके बाद उन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा दी, लेकिन इस बार उन्हें 62 प्रतिशत अंक ही मिले। परिणाम से वे पूरी तरह संतुष्ट नहीं थे, लेकिन इलाके में वे अव्वल थे और जज्बा कुछ अलग कर दिखाने का था। इसके बाद वे पूरी लगन से तैयारी की और पहले ही प्रयास में वर्ष 2002 में एमबीबीएस के लिए चयनित हो गए। उनकी पहली तैनाती राजस्थान के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में बतौर चिकित्साधिकारी के रूप में सरकारी अस्पताल में हुई। लेकिन वह अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं थे और आगे कुछ करने की ठान ली। उनके दिल में प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी बनने का सपना घर कर चुका था और इसके लिए वे प्रयास में जुट गए। उन्होंने सिविल परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और 2011 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के लिए उनका चयन हो गया। इसके साथ ही वह युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बने। उनकी तैनाती कई जिलों में होने के बाद वर्तमान में बतौर पुलिस अधीक्षक बलिया में कार्यरत है।

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