फर्जी नियुक्ति ! बलिया में कभी भी जांच करने पहुंच सकती है एसटीएफ की टीम..

बलिया। जिले में दस शिक्षकों की नियुक्ति फर्जी बताई गई है। यह शिक्षक कौन हैं ? किस विद्यालय पर तैनात है ? इन्होंने नौकरी पाने के लिए किस तरह का फर्जीवाड़ा किया है ? यह बेसिक शिक्षा विभाग भले ने सार्वजनिक करे, लेकिन फर्जी नियुक्ति मामले में महानिदेशक स्कूल शिक्षा के काफी दबाव के बाद संबंधित के प्रपत्र यहां से शासन को भेज जा चुके हैं। शासन ने कुल १४३ शिक्षकों की सूची जारी की है, जिनकी नियुक्ति फर्जी बताई गई है। इसमें दस शिक्षक बलिया जनपद के भी हैं। इसके साथ ही जौनपुर में १९, गाजीपुर में १२, आजमगढ़ में दो, मऊ में दो तथा चंदौली में एक शिक्षक की नौकरी को खतरा है। सभी के कागजात शासन के पास भेजा जा चुका है। ऐसे में कभी भी एसटीएफ की टीम संबंधित शिक्षकों के डिग्री की जांच करने जिलों में पहुंंच सकती है।
देखा जाए तो शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें काफी गहरी हैं। विभाग के जानकारों की माने तो सालों से कई शिक्षक फर्जी कागजातों के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। इसके तह में जाकर पूरी ईमानदारी से जांच-पड़ताल की जाऐ, तो फर्जीवाड़ा के दर्जनों मामलों का खुलासा हो सकता है। पूर्व में हुई जांच में भी ऐसे मामले सामने आते रहे हैं। वर्तमान में पूर्वांचल के छह जिलों पर एसटीएफ की नजर है। यहां के शिक्षक एसटीएफ की रडार पर हैं। एसटीएफ की जांच से चारो तरफ खलबली मची हुई है। कुछ दिन पहले महानिदेशक स्कूल शिक्षा अनामिका सिंह ने संबंधित छह जिलों के बीएसए को पत्र जारी कर पूरी जानकारी देने को कहा था। इतना ही नहीं बेसिक शिक्षाधिकारियों द्वारा समय से सभी पपत्र उपलब्ध न कराने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए तत्काल कागजात भेजने को कहा गया था। शासन के निर्देश पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षकों की सूची एसटीएफ को सौंप दी गई है। इनमें से संदिग्ध एवं गलत पाए गए ज्यादातर फर्जी शिक्षकों पर निलंबन की कार्रवाई की जा चुकी है। जबकि बचे हुए शिक्षकों के गर्दन पर तलवार लटक रही है। कुछ अभी से भूमिगत हो गए हैं, तो कुछ सबकुछ जानते हुए अधिकारियों के संरक्षण में नौकरी कर रहे हैं। अब तक किसी न किसी के संरक्षण में बचे शिक्षकों की खोजबीन में अब एसटीएफ लग गई है।
इनसेट…
आखिर शिक्षकों को क्यों हो रही है घबराहट..?
बलिया।
शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले शिक्षकों का प्रमाण-पत्र अब मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड होना है। इस पर उन्हें खुद से संबंधित कई अन्य जानकारियां भी देनी है। बावजूद अभी तक बहुत सारे शिक्षकों ने अपने प्रमाण-पत्र मानव संपदा पोर्टल पर नहीं अपलोड किए हैं। फर्जीवाड़ा करने वालों को तो अपने प्रमाण पत्र लोड करने में काफी घबराहट हो रही है। अब तक जैसे-तैसे बच-बचाके नौकरी चल रही थी। लेकिन अब पमाण-पत्रों की जान ने सबकी नींद हराम कर दी है। शिक्षकों की सहूलियत के लिए कई बार पोर्टल पर प्रमाण-पत्र अपलोड करने के लिए तिथि बढ़ाई जा चुकी है। जून के बाद अब अगस्त तक समय दिया गया था। लेकिन अब भी सभी शिक्षक अपना प्रमाण-पत्र अपलोड नहीं किए हैं। शिक्षकों के दस्तावेज उपलब्ध न कराए जाने से अब संबंधित जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से पूरा शैक्षिक दस्तावेज एवं नियुक्ति से संबंधित कागजातों को ं एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक लखनऊ को तत्काल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। एसटीएफ को अभी भी सभी जनपदों के संदिग्ध शिक्षकों का पूरा दस्तावेज नहीं मिल सका है। हालांकि फर्जी नियुक्ति के मामले में बलिया से जारी शिक्षकों की सूची के आधार पर ज्यादातर शिक्षकों का दस्तावेज एसटीएफ एवं शासन को भेज दिया गया है। बहुत जल्द टीम जांच करने बलिया आएगी।

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