गाजीपुर। पतित पावनी रौद्र रूप अपनाने लगी है। जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों पर मांग गंगा बह रही है। कठवा मोड़ अस्थायी पुल पर बाढ़ का पानी बहने से गाजीपुर-बलिया मार्ग पर वाहनों का आवागमन ठप हो गया है। बाइक सवार बाइक सहित तथा अन्य लोग नाव के सहारे पुल पार करने के बाद आगे के लिए रवाना हो रहे हैं। पानी के बीच से कोई वाहन सवार या पैदल आने-जाने वाले आवागमन न करें, इसके लिए पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई है।
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तटवर्ती इलाकों के नीचे के कई गांव में भी गंगा का प्रवेश हो चुका है। छोटी नदियां भी उफान पर है। शनिवार की रात मां गंगा खतरे के निशान को पार कर गई। अभी भी बढ़ाव का क्रम जारी है। यदि समय रहते बढ़ाव नहीं रुका तो पतित पावनी तबाही मचा सकती है। इस आशंका से प्रशासन भी एलर्ट होते हुए बाढ़ से निपटने के लिए रणनीति तैयार करने में जुट गया है। पिछले कई दिनों से गंगा के जल स्तर में वृद्ध का क्रम जाती है। बीते गुरुवार की सुबह करीब दस बजे से छह सेंमी प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि जारी हो गया। शुक्रवार की रात करीब 1 बजे गंगा खचरे के निशान को पार करते हुए 25 सेंमी ऊपर बहने लगी। इससे जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों के साथ ही तटवर्ती इलाकों के कई गांव में पानी प्रवेश कर गया। गाजीपुर-बलिया मार्ग पर स्थित कठवामोड़ अस्थायी पुल को ढकते हुए पतित पावनी बहने लगी। इससे पुल पर आवागमन ठप गया है।
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लहरों के बीच से कुछ पैदल और बाइक सवार निकलने लगे। नोनहरा थाना पुलिस के साथ ही यातायात प्रभारी अजय सिंह कसाना मौके पर पहुंचे। किसी खतरे की आशंका को देखते हुए पुलिस पुल के दोनों तरफ तैनात पुलिस आवागमन को रोक दिया। कुछ बाइक और पैदल आवागमन करने वाले नाव के सहारे पुल के इस पार से उस पार आते-जाते रहे। रेवतीपुर, बीरउपुर, अठाहठा, हसनपुरा, नगदिलपुर होते हुए मां कामाख्या धाम जाने वाली सड़क पर बाढ़ का पानी लगा गया है। इससे आवागमन ठप हो गया है। इसके साथ ही कई गांव में पानी घुस गये। रेवतीपुर थानाध्यक्ष राजेश बहादुर सिंह पुलिस कर्मियों के साथ मार्ग पर तैनात रहे और पानी के बीच आवागमन करने वालों को रोकते रहे। रेवतीपुर, रामपुर बीरउपुर ,नसीरपुर, उतरौली, रामपुर, परमानंदपुर , तिलवा, गोपालपुर, आदि गांव के के सिवान में बाढ़ के चलते सैकड़ों बीघा बाजरा, ज्वार, उर्द, परवल आदि की फसल बर्बाद होने कर कगार पर है।