एसपी ने किया घटना स्थल का निरीक्षण, अलग-अलग टीमों को दी जिम्मेदारी, खुलासे का दिया निर्देश…
गाजीपुर। दिन का उजाला, लोगों की भीड़, बाइक सवार हथियारबंद बदमाश, दिनदहाड़े फिल्मी स्टाइल में लूट। प्राइवेट बैंक पर वारदात को अंजाम दे इत्मीनान से भाग जाना, निश्चित रुप से अपराधियों में खाकी का खौफ खत्म होने की ओर इशारा करता है। पुलिस की ताबड़तोड़ अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई, मुठभेड एवं एनकाउंटर इनके हौसले को पस्त करने में नाकाम साबित हो रही हैं। तभी इनके द्वारा बुने गए जाल की पुलिस को कानों कान खबर तक नहीं होती। बड़ी वारदात को अंजाम दे अपराधी आसानी से फरार हो जाते हैं और हमेशा की तरफ पुलिस नाकामी का रोना रोती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। शादियाबाद थाने के सीधार चट्टी पर बाइक सवार बदमाशों ने फीनों बैंक से दिनदहाड़े 50000 की लूट को अंजाम दिया और हर बार की तरह फरार हो गए। भीड़ एक टक उनको निहारती रही।

प्राइवेट बैंक में हुई लूट की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक डा. ओमप्रकाश सिंह अपने हमराहियों के साथ तत्काल घटना स्थल पर पहुंचे और लुटेरों की गिरफतारी के लिए कई टीमों को अलग-अलग लगाया। पुलिस कप्तान ने बताया कि शादियाबाद थाने के सीधार बुजुर्ग निवासी चितरंजन कुशवाहा शादियाबाद-नंदगंज मार्ग पर सीधार चट्टी से कुछ दूरी पर एक कमरे में फीनों नाम से प्राइवेट बैंक संचालित करते हैं। यहां बैंक के माध्यम से आधार एवं एटीएम के माध्यम से पैसा देने का काम किया जाता है। दोपहर के वक्त अपने छोटे भाई गौतम कुशवाहा को बैंक की जिम्मेदारी देकर खुद खाना खाने चले गए। इसी बीच तीन बाइक पर छह की संख्या में लुटेरे वहां पहुंचे। उनमें से तीन हाथ में तमंचा लेकर सीधे बैंक में घुस गए और असलहे से आतंकित कर काउंटर से 50000 रुपये निकाल कर तमंचा लहराते हुए वहां से फरार हो गए। वहां मौजूद लोग जबतक कुछ समझ पाते तबतक वह सुरहूरपुर गांव की तरफ भागने में सफल रहे। हालांकि सूचना दिए जाने के बाद पुलिस ने पूरे इलाकी की घेराबंदी कर जगह-जगह दबिश दी, लेकिन उनका कहीं अता-पता नहीं चला। बदमाश कौन थे ? किसी गैंग से जुड़े थे ? कहां से आए और कहां चले गए ? इसका सुराग तलाशने में पुलिस की टीमें जुटी हैं। लेकिन समाचार लिखे जाने तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है।