पंचायत भवन निर्माण में गड़बड़ी को लेकर पूर्व प्रधान, तत्कालीन सचिव व तकनीकी सहायक को नोटिस जारी
कहा, साक्ष्यों सहित स्पष्टीकरण 15 दिन के अंदर उपलब्ध कराएं
बलिया। जनपद के नगरा विकास खंड अंतर्गत खैरानिस्फी गांव में पंचायत भवन निर्माण में गड़बड़ी व लूट-खसोट पर जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। वर्ष 2005 से 2010 तक ग्राम प्रधान रहे प्रभुनाथ व तत्कालीन सचिव हेमंत कुमार से एक लाख 71 हजार 198 रुपये की वसूली की जाएगी।
उपायुक्त श्रम एवं रोजगार मनरेगा व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की जांच में दोनों को गबन का दोषी पाया गया है। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार के आदेश पर डीपीआरओ श्रवण कुमार सिंह ने पूर्व प्रधान, तत्कालीन सचिव व तकनीकी सहायक मनरेगा को नोटिस जारी कर निर्देशित किया है कि साक्ष्यों सहित स्पष्टीकरण 15 दिन के अंदर उपलब्ध कराएं। संतोषजनक उत्तर न मिलने पर वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
नोटिस में कहा कि इंद्रजीत तिवारी ग्राम सोनाडी की शिकायत की जांच पूर्व में बेसिक शिक्षाधिकारी, खंड विकास अधिकारी नगरा, जिला समन्वयक नेहरु युवा केंद्र बलिया नोडल अधिकारी ने किया था। इस प्रकरण में जिला समन्वयक एवं नोडल अधिकारी की जांच पर शिकायतकर्ता ने आपत्ति की थी। अंतिम जांच के लिए 21 मार्च 2022 को उपायुक्त श्रम रोजगार, सहायक अभियंता लघु सिचाई की समिति गठित की गई। जांच आख्या के अनुसार पंचायत भवन के निर्माण के लिए 3.16 लाख की धनराशि का डीपीआर स्वीकृत है। पंचायत भवन निर्माण के लिए आहरित धनराशि से संबंधित कैशबुक जांच टीम को उपलब्ध नहीं कराया गया। सचिव द्वारा उपलब्ध कराई गई माप पुस्तिका इस कार्य पर सामग्री मद में 2.88 लाख, मजदूरी मद में 60200 और कुल 3.36 लाख का भुगतान किया गया है। इस कार्य पर 3.38 लाख, 2.50 लाख, 87943 रुपये का बिना कार्य कराए निकाले गए। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी की जांच आख्या के अनुसार ग्राम प्रधान और सचिव द्वारा एमडीएम का 83255 रुपये का अधिक भुगतान उक्त खाते से किया है। इसके लिए प्रधान और सचिव दोषी हैं।