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बलिया। शासन ने बलिया में तेैनात जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक (डीसीपीएम) पुष्पेंद्र शाक्य की सेवा समाप्त कर दिया है। इन पर अनुशासनहीनता, कार्य के प्रति लापरवाही, नकारात्मक कार्य व्यवहार, उच्चाधिकारियो के आदेशों की अवेहलना तथा अवांछित व्यवहार के अलावा उत्तरदायित्व के प्रति लापरवाही व उदासीनता, अधिक मानदेय आहरित करने, कोविड-19 महामारी के दौरान पदीय दायित्वो का सुचारू रूप से निर्वाहन न करने, अधीनस्थ कर्मचारियो से अवैध वसूली, मानदेय रोकने की धमकी देने एवं परेशान करने जैसा संगीन आरोप है। डीसीपीएम पुष्पेंद्र शाक्य पर राजकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने, दुष्प्रचार करना एवं विभाग की छवि धूमिल करने के साथ ही जिला कार्यक्रम प्रबंधक के राजकीय आवास पर जबरन कब्जा करने की भी शिकायत शासन को मिली थी।
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इनके खिलाफ मिली शिकायतों की जांच के लिए राज्य स्तर पर तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी। जॉचोपरान्त प्रस्तुत दस्तावेजों एवं विवरण का गहन अवलोकन में शिकायतें पुष्ट हुई। यह बात सामने आई कि डीसीपीएम बलिया द्वारा प्रस्तावित वेतन से अधिक वेतन लिया जा रहा है। सीएचओ से अवैध रूप से धन उगाही पाया गया। यही नहीं अनुशासनहीन आचरण इनके पूर्व तैनाती स्थल पर भी प्रदर्शित हुई। मुख्य चिकित्साधिकारी गाजियाबाद द्वारा भी सहकर्मियों के साथ विवाद, अनुशासनहीनता, अवांछित पत्राचार व संबंधी शिकायतों की गयी थी, जिसके आधार पर दण्डात्मक कार्यवाही करते हुए प्रशासनिक आधार पर उनका स्थानातंरण गाजियाबाद से बलिया किया गया था।
ये पत्र बनें आधार….
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राज्य कार्यक्रम प्रबंधक ईकाई राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उप्र की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने डीसीपीएम पुष्पेंद्र शाक्य की सेवा समाप्ति की कार्रवाई सीएमओ के अर्द्धशासकीय पत्र दिनांक 09.10.2021, 22.12.2020, 07.10.2020, मुख्य विकास अधिकारी के पत्र दिनांक 27.11.2020, जिलाधिकारी के अर्द्धशासकीय पत्र दिनांक 28.09.2020 एवं मण्डलायुक्त आजमगढ़ मण्डल के शिकायती पत्र दिनांक 16.12.2020 के आधार पर की है
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