बलिया। दुबहर विकास खंड के किसान पिछले कई दशक से परेशान हैं। हर साल जिला मुख्यालय से होकर गुजरने वाला कटहल नाला का गंदा पानी उनकी बर्बादी का कारण बनता है। उनके उपजाऊ खेतों को तबाह कर देता है। इसे बचाने के लिए दुबहर विकास खंड के दर्जनों गांवों के तटवर्ती किसान मुखर हैं। नगवा स्थित चित्रसेन बाबा के मंदिर में शुक्रवार को किसानों ने बैठक कर समस्या निस्तारण के लिए जिला प्रशासन से मांग की। अगर इस दिशा में प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो किसान आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। बैठक में किसानों ने आंदोलन की रणनीति तैयार की। कहा कि कटहल नाला के विषाक्त पानी से हर साल फसल, खेत की उर्वरा शक्ति और किसानों की बर्बादी होती है।
लोगों को संबोधित करते हुए प्रधान संघ के मंडल अध्यक्ष विमल पाठक ने बताया कि हमारी सैकड़ों बीघे उपजाऊ जमीन कटहल नाले के पानी के कारण कृषि योग्य नहीं रह गई है। इससे प्रत्येक वर्ष हम लोगों को काफी नुकसान का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। वर्तमान समय में हर किसान आर्थिक रुप से परेशान हैं। ऐसे में उसकी खेती तबाह होने के बाद उसका दूसरा कोई सहारा नहीं है। ऐसे में हम लोग जनपद के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का दरवाजा खटखटाना पड़े, तो हम पीछे नहीं हटेंगे। जिला प्रशासन इसके बीच का रास्त निकाले। बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी १३ सितंबर को क्षेत्र के दर्जनों गांवों के किसान ट्रैक्टर पर सवार होकर जिलाधिकारी से मिलने कलेक्ट्रेट स्थित उनके कार्यालय पर जाएंगे, जहां वह अपनी समस्या के निदान के लिए प्रमुखता से गुहार लगाते हुए इसके स्थाई समाधान की मांग करेंगे। बैठक में मुख्य रूप से नगवा के प्रधान प्रतिनिधि भुनेश्वर पासवान, चंद्रकुमार पाठक, धर्मेंद्र यादव, केके पाठक, बृजेश यादव, मनीष पांडे, मनोज ठाकुर, विनोद पासवान, लक्की सिंह, अंबिका पांडे, अखिलेश पांडे, विनोद पाठक, छोटेलाल राम, राजेश पाठक, संजय गिरी, शशिकांत ओझा, सुनील पांडे, निर्मल पांडे, दीपक पांडे, विजय पाठक, शिव शंभू पाठक, जीउत वर्मा आदि मौजूद रहे। बैठक की अध्यक्षता किसान विष्णु देव पांडे ने किया।