बस्ती। महिला, अबला व लचार व्यक्तियों की रक्षा करना एवं कानून व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी जिस खाकी वर्दी को निभानी चाहिए उसी ने उसे तोडऩे का काम किया और खुद महिला से नजायज संबंध स्थापित कर आशनाई में डूब गए। परिणाम पहले ग्रामीणों ने पोल में बांधकर उनकी जमकर ठुकाई की। फिर एसपी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित किया और अब एसपी की रिपोर्ट पर आईजी ने दुबौलिया थाने के दारोगा अशोक चतुर्वेदी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। अब दारोगा जी कहीं के नहीं रहे। आशानाई ने सबकुछ छीन लिया। इसकी चर्चा प्रदेश के पुलिस महकमे में चारों तरफ हो रही है। जबकि महिलाएं ऐसे कानून के रक्षक को लेकर थू-थू कर रही हैं।

ग्रामीणों की पिटाई से घायल दरोगा २४ घंटे से जिला अस्पताल में भर्ती है। बुधवार की रात दुबौलिया थाना क्षेत्र के ऊंजी मुस्तहकम गांव में थाने के दारोगा अशोक चतुर्वेदी को ग्रामीणों ने बुधवार की रात तीन बजे एक घर से निकलते समय घेरकर पकड़ लिया था। आरोप है कि उसने ग्रामीणों पर सर्विस रिवाल्वर से फायर किया। जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने उन्हें दौड़ाकर पकड़ लिया और एक पोल से बांधकर जमकर पिटाई की। घटना की सूचना मिलते ही प्रभारी निरीक्षक दुबौलिया मनोज कुमार त्रिपाठी ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझा बुझाकर दारोगा को मुक्त कराया। बाद में सीएचसी दुबौलिया में भर्ती कराया।

वहीं, एसपी आशीष श्रीवास्तव ने घटना की जांच के लिए अपर पुलिस अधीक्षक और सीओ कलवारी को मौके पर भेजा। ग्रामीणों ने जांच अधिकारियों को बताया कि दारोगा अक्सर गांव में आते थे। बुधवार की रात १०.१५ बजे भी वह गांव में आए और अपनी बाइक जूनियर हाईस्कूल के पास छिपाकर एक घर में घुस गए। वहीं जांच रिपोर्ट मिलने के बाद एसपी ने बृहस्पतिवार को ही दारोगा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। बाद में ऊंजी मुस्तहकम गांव के संग्राम सिंह की तहरीर पर दुबौलिया थाने में आरोपित दारोगा के विरुद्ध जानलेवा हमले की धारा में मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद एसपी ने पुलिस महानिरीक्षक को घटनाक्रम की जानकारी देते हुए आरोपित को बर्खास्त करने की संस्तुति कर दी।