लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के बाहर घोसी सांसद अतुल राय पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली बलिया की पीडि़ता के आत्मदाह के बाद मौत का मामला शांत ही नहीं हुआ था कि बीते मंगलवार को विधानसभा के बाहर एक ठेकेदार ने फिर से आत्मदाह करने की कोशिश की। हालांकि पुलिस के जवानों की तत्परता से ठेकेदार को कुछ हुआ नहीं।
इस अधिकारी के खिलाफ लगाया प्रताडऩा का आरोप
लेकिन चीख-चीख कर प्रशासनिक से लेकर पुलिस विभाग के अधिकारियों के खिलाफ प्रताडऩा का आरोप लगाया। खाद्य नियंत्रक (आरएफसी) कार्यालय में ठेकेदार नरेंद्र मिश्र ने आरोप लगाया कि मार्केटिंग इंस्पेक्टर आदित्य सिंह और उनके फुफुेरे भाई सौरभ पुलिस की मिलीभगत से फर्जी मुकदमा दर्ज कराकर जेल भेजने तथा प्रताडऩा कर रहे हैं। बीते 15 दिन के अंदर इस तरह के आत्मदाह की दो-दो घटना से लोग सोचने पर मजबूर है। वहीं लगातार पुलिस पर लग रहे आरोप से पुलिसिंग व्यवस्था भी सवालों के घेरे में है। जिस प्रदेश में तेजस्वी मुख्यमंत्री योगी जी चुस्त कानून व्यवस्था का भरोसा दिलाते हैं, उसी स्टेट में पहले बलिया की रहने वाली लड़की का सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह करना फिर उसकी मौत हो जाना। जबकि दूसरी घटना अब यूपी की विधानसभा के बाहर इस तरह तंग आकर आत्मदाह की कोशिश सरकार की कार्यशैली पर सवालिया निशान है।