बलियाः मारपीट के मामले में उभांव थाना पहुंची जख्मी महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को पुलिस ने थाने में भी पिटाई की। पुलिस के इस हैरान करने वाले रवैये की जानकारी मिलने पर खलबली मची हुई है। पीड़ित महिलाओं और जख्मी लडकियों ने उभांव पुलिस पर गंभीर आरोप लगाएं है। न्याय के लिए पहुंची लड़कियों को थाने में आधी रात को इंस्पेक्टर ने स्वयं महिला पुलिस से पट्टे से पिटाई करवाई। महिला पुलिस को क्रूरता की ट्रेनिंग दे रहे इंस्पेक्टर ने यह भी कहा कि पिटाई ऐसी हो कि दूर तक सुनाई पड़े। जख्मी लड़कियों ने आज पूरी घटना से पूर्व विधायक गोरख पासवान को अवगत कराया। पूर्व विधायक ने पुलिस के बर्बरतापूर्ण रवैये और एकतरफा कार्रवाई की घोर निंदा की और उच्चाधिकारियों से वार्ता कर न्याय का भरोसा दिया।
बलियाः चकिया गांव में 28 जुलाई की रात हुए मारपीट मामले में पुलिस के एकतरफा कार्रवाई से नाराज चकियावासियों ने आज पूर्व विधायक गोरख पासवान से रोरोकर अपना दुखड़ा सुनाया। चकिया के ग्रामिणों ने पूर्व विधायक को आवास पर ही घेर लिया और उभांव पुलिस द्वारा एकपक्षीय कार्रवाई से निजात दिलाने की गुहार लगाई। मामले में पुलिस ने एक पक्ष से 12 लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। जबकि व्यासमुनी राजभर के पक्ष के तरफ से पीड़ितों को पुलिस ने उभांव थाना से भगा दिया। गांव के प्रधान तक को पुलिस ने आधी रात तक थाने में बैठाए रखा। जिससे ग्रामिणों का भरोसा स्थानीय पुलिस से मानो उठ सा गया। पूर्व विधायक गोरख पासवान ने पुलिसिया कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए गरीबों को न्याय दिलाने के लिए आजमगढ़ डीआईजी और बलिया एसपी से वार्ता की।