बलिया। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला संयोजक तथा शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच के जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह और प्राथमिक शिक्षक संघ के सह संयोजक अजय मिश्र ने एक संयुक्त बयान में कहा कि सरकार द्वारा लंबे समय के बाद विद्यालयों को खोला गया। लेकिन *सर मुड़ाते ही ओले पड़े.. की कहावत चरितार्थ हुई। अप्रैल के बाद पहले दिन खुले विद्यालय, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्रों और यहां तक कि जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय तक कि बिजली बकाए के चक्कर में किाट दी गई। मामूम बच्चे गर्मी से बिलबिला रहे हैं। लेकिन कोई आला अफसर इस दिशा में कुछ करने को तैयार नहीं है। सरकार सबकुछ आनलाइन कर रही है, लेकिन यहां बिजली और पंखे तक की सुविधा से शिक्षक और छात्र वंचित हैं। निजी एवं कान्वेंट विद्यालय से हम अपनी तुलना जरूर कर रहे हैं, लेकिन सुविधाएं न के बराबर हैं। सुविधा छीनने के लिए सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी केंन्द्र और पंचायत भवन तक की बिजली बकाया दिखाकर एक झटके में काट दी जा रही है। इसके लिए कसूरवार कौन है ?

प्रतिनिधि द्वय ने इस भीषण गर्मी एवं उमस में बच्चों की परेशानी को देखते हुए तत्काल विद्युत संयोजन कराने की मांग जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी आदि से की है। कहा है कि ऐसा ही चलता रहा तो हम निजी विद्यालयों से तुलना करना तो दूर पठन-पाठन में भी सबसे फिसड्डी साबित होंगे! बिजली विभाग का बिल तत्काल जमा कराकर विद्यालयों की श्क्षिा व्यवस्था को पटरी पर लाने का काम किया जाए। अन्यथा विभाग से कुछ समय की मुहल्लत ली जाए। प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने शीघ्र बिजली न जोड़े जाने पर धरना-प्रदर्शन किए जाने की चेतावनी भी दी।