मऊ। शहर में संचालित औरतों के एक समूह ने कुछ ऐसा कर दिखाया कि लोग सराहना करते नहीं थक रहे। क्वीन्स किटी ग्रुप्स के नाम चल रहे महिलाओं के इस समूह ने थैलेसीमिया पीडि़त मरीजों खासकर बच्चों की अतिआवश्यक जांच नि: शुल्क कराने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा ली है। इतना ही नहीं शहर की रहने वाली डॉ सुकृति वर्मा ने भी इस कार्य में कदम आगे बढ़ाते हुए अपनी देख-रेख में पीडि़त बच्चों का अल्ट्रासाउंड सहित अन्य आवश्यक जाँचों को कराया। इस पहल की सभी सराहना कर रहे हैं।
चिकित्सको के मुताबिक थैलेसीमिया रोग से पीडि़त बच्चों के लिए समय-समय पर कई जांच कराना जरूरी होता है। बच्चों को अल्ट्रासाउंड जांच, सीरम फैटिरिन, विटामिन-डी, कैल्सियम, एलएफटी, केएफटी एवं सीबीसी की जाँच की गई। ऐसे में मरीज के तीमारदार को रक्त एवं महंगी दवाओं से रू-ब-रू होना पड़ता है। जिस कारण आर्थिक रूप से कमजोर लोग आवश्यक जांच को भी टाल कर केवल दवा खिलाने का काम करते थे। बीते दिनों कई अभिभावक अपने बच्चों के ब्लड सैंपल लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन वहां कर्मचारियों द्वारा लगातार टाल-मटोल किया जाता रहा। इससे दु:खी लोग नवागत मुख्य चिकित्साधिकारी से मिलने पहुंचे और अपनी समस्या बताई। लेकिन कुछ विशेष सहयोग करने से उन्होंने स्पष्ट मना कर दिया।
इसकी जानकारी मिलने पर शहर की कुछ महिलाओं द्वारा संचालित क्वीन्स किटी गुप्प की अक्षिता खंडेलवाल, पियांशी खंडेलवाल, सुप्रिया खंडेलवाल एवं डॉ गुँजन गर्ग आदि ने बच्चों की जांच का बीड़ा उठाया। समूह की महिलाओं के इस संकल्प में डॉ सुकृति वर्मा ने भी बड़ा सहयोग किया। उन्होंने बड़े जांच भी नाममात्र के शुल्क पर की। गुरुवार को सुदेश खालिद, आरोही सिंह, आयशा फिरोज, अरीका, आरोही ख़ुशवानी, कोयल, खूबैब, आशिफ़ जमाल, मानशी, इशिता, जैद एवं रोशन सहित तमाम बच्चों का जाँच किया गया। कोरोना प्रोटोकॉल एवं समय की बाध्यता को देखते हुए कुल तीन चरणों में जांच की व्यवस्था की गई।
इस संबंध में क्वीन्स किटी ग्रुप्स की महिलाओं ने कहा कि हमारा शौभाग्य है कि हम लोगों को ऐसे नेक कार्य में सहभागिता का अवसर प्राप्त हुआ है। रवि ख़ुशवानी ने ग्रुप्स की महिलाओं एवं डॉ सुकृति वर्मा का आभार प्रकट करते हुए कहा कि निरन्तर आमजन के सहयोग से बच्चों को सहूलियत प्राप्त होने लगी है।
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