आजमगढ़ । इसे घोर कलियुग ही कहेंगे ..। मंडलीय जिला अस्पताल में इलाज कराने आए एक व्यक्ति से दलाल ने ब्लड दिलाने के नाम पर दो हजार रुपये ऐठ लिए। पीड़ित को ब्लड बैंक के बाहर बैठाकर इंतजार करने को कहा, बोला तुम्हारा नाम बुलाया जाएगा तो पहुंचकर खून प्राप्त कर लेना। बेचारा गरीब उम्मीद लिए घंटों बैठा रहा, लेकिन एक-एक व्यक्ति चले गए तब ठगी का एहसास होने पर आंखों में आंसू लिए निराश मन से व्यवस्था को कोसते बैरंग लौट गया।

रौनापार थाना क्षेत्र के बाढ़ू का पुरा गांव निवासी श्यामधारी पुत्र सहदेव का सड़क दुर्घटना में पैर टूट गया है। वह मंडलीय अस्पताल में पहुंच हड्डी के डाक्टर को दिखाया तो आपरेशन की बात कही गई। उससे आपरेशन में दो यूनिट ब्लड चढ़ाने की बात कही गई। गरीब दो यूनिट ब्लड का इंतजाम करने की बात सुन परेशान हो उठा। वह उधेड़बुन में जुटा ही था कि एक व्यक्ति ने पीछे से आवाज लागाई। पीछे मुड़कर देखा तो सामने खड़े युवक ने दो हजार में ब्लड की मुश्किल खत्म करने की पेशकश कर डाली। दो हजार रुपये गरीब के लिए बहुत थे। ऐसे में कुछ देर विचार किया, फिर सोचा दो हजार खर्च करने पर ब्लड बैंक से खून मिल जाए तो कोई परेशानी नहीं। श्यामधारी के पुत्र प्रभुनाथ ने रुपये का बंदोबस्त करके दलाल को दे दिया। दलाल ने श्यामधारी व उनके पुत्र प्रभुनाथ को लेकर ब्लड बैंक पहुंचा। दोनों लोगों को बैंक के बाहर बैठाकर खुद अंदर गया। थोड़ी देर बाद लौटा तो पिता-पुत्र को आश्वस्त किया कि सेटिग हो गई। आप बैठिए, सीधे जाएंगे तो बवाल हो जाएगा। अंदर से ही आपका नाम बुलाया जाएगा तो पहुंचकर ब्लड प्राप्त करना होगा। पिता-पुत्र की डबडबाई आंखें देख लोगों ने कारण पूछा तो दलालों की करतूत सामने आ पाई। हालांकि, मंडलीय अस्पताल में इस तरह की ज्यादती तो आए दिन होती रहती है। इसके साथ दुर्भाग्य यह भी कि अधिकारी जब छापेमारी करते हैं तो उन्हें सबकुछ सामान्य ही मिलता है। एक-दो बार खामियां मिलीं भी कर्मचारियों के रसूख के सामने उनकी गलती कम पड़ गई।