गड़बड़झाला : गरीब बच्चों को नि : शुल्क शिक्षा से वंचित रखने पर बलिया कलेक्ट्रेट में उग्र प्रदर्शन

आरटीआई कार्यकर्ता मनोज राय हंस ने एक बार फिर कलेक्ट्रेट का किया घेराव, पत्रक सौंपा..

अभिभावकों की सहायता राशि एवं विद्यालयों की फीस प्रतिपूर्ति देने में क्यों आनाकानी कर रहा विभाग ?

विद्यालयों के आनलाइन रजिस्टर्ड न होने के बाद भी ऑफलाइन आवेदन की अनुमति नहीं दे रहा प्रशासन ?
क्यों नियम ताक पर रख वार्ड व ग्राम पंचायत में बांटे जा रहे स्कूल ?

Ballia । गरीब बच्चों के निशुल्क शिक्षा को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग में लंबे समय से गड़बड़झाला चल रहा है। इसे दूर करने के लिए पिछले तीन सालों से आरटीआई कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज राय हंस आंदोलन करते आ रहे हैं। हंस के आंदोलन से जनपद के 5000 लोगों को इसका लाभ मिला है, लेकिन निजी विद्यालयों के दबाव में विभाग इसे लेकर कोई कड़ा कानून नहीं बनाना चाहता है। यहां तक कि अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी मनोज राय हंस का साथ देते हुए पिछले दिनों कलेक्ट्रेट में न केवल धरना दिया था, बल्कि जिलाधिकारी से मिलकर गरीब छात्रों को न्याय दिलाने की अपील भी की थी। लेकिन अभी भी मामला जहां का तहां लटका हुआ है।

बुधवार को गरीब बच्चों को दिए जाने वाले नि : शुल्क शिक्षा को पार्दर्शी करने एवं न्याय दिलाने के लिए सैकड़ों अभिभावकों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। बीते दिनों जिलाधिकारी द्वारा एक फरवरी तक समस्या के निस्तारण का आश्वासन दिया गया था। इसे लेकर आरटीआई कार्यकर्ता मनोज राय हंस ने एक बार फिर कलेक्ट्रेट का घेराव किया और अपनी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए अधिकारीयों से वार्ता के बाद उन्हें पत्रक सौंपा।

उनकी मांगों में प्रमुख रूप से अभिभावकों की सहायता राशि एवं विद्यालयों की फीस प्रतिपूर्ति तत्काल देने को कहा गया। इसके साथ ही विद्यालयों के रजिस्ट्रेशन एवं ऑफलाइन आवेदन की अनुमति देने की बात कही गई।मांग में यह भी कहा गया कि बेसिक शिक्षा विभाग नियम को ताक पर रख छात्रों के नामांकन को वार्ड व ग्राम पंचायत में बांटा जा रहा है।

जबकि ऐसा कोई नियम नहीं है। श्री “हंस” ने चेतावनी दी है कि जिला प्रशासन एवं बेसिक शिक्षा विभाग छात्रों की छात्रवृत्ति एवं उनका नि:शुल्क एडमिशन करने की दिशा में त्वरित पहल नहीं करता है, तो आंदोलन और उग्र हो सकता है। इस आंदोलन में अभिभावक एवं आम जनता के साथ ही अधिकार सेना के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता भी शामिल होंगे।

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