बलिया। ट्रेन से नियमित यात्रा करने वाले एमएसटी धारी परेशान हैं। इन्हें प्रतिदिन यात्रा करने में दुश्वारियां झेलनी पड़ रही है। रोजाना आने और जाने का टिकट लेना अनिवार्य हो गया है। इससे बहुत अधिक पैसे का भी भुगतान करना पड़ रहा है। एक्सप्रेस ट्रेनों में जहां रिजर्वेशन की दिक्कत झेलनी पड़ रही है, वहीं सवारी गाड़ी में भी बड़ी मुश्किल से टिकट मिल पा रहा है। जबकि वाराणसी मंडल को छोड़कर बिहार सहित अन्य रेल मंडलों में दैनिक यात्रियों का एमएसटी रेलवे काउंटर से आसानी से मिल रहा है।

कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान पूरे देश में लाकडाउन लगा दिया गया था। ट्रेनों का संचालन भी रोक दिया गया था। इसके बाद स्पेशल ट्रेनें चलाकर आरक्षित श्रेणियों के लिए यात्रा आरंभ की गई। दूसरी लहर में भी आरक्षित श्रेणी को ही अनुमति मिली। धीरे-धीरे स्थिति सुधरने के बाद ट्रेनों का संचालन बढ़ता गया। अब यात्रियों की सुविधा के लिए विभिन्न रूटों पर सवारी गाडिय़ां भी चलनी शुरू हो गई। लेकिन रेलवे अधिकारियों के भेदभाव पूर्ण निर्णय से यात्री दु:खी हैं।

सर्वाधिक दिक्कत वाराणसी-छपरा रेल मार्ग पर देखने को मिल रही है। इस मार्ग पर यात्रियों की मांग के बावजूद सवारी गाडिय़ो का संचालन समय से नहीं हो सका। इतना ही नहीं सभी मंडलों में एमएसटी बनाए जाने के बावजूद इस रेल खंड में अभी तक एमएसटी नहीं बन रहा है। इससे छपरा से बलिया, सुरेमनपुर से बलिया, बलिया से गाजीपुर तथा बलिया से वाराणसी और इलाहाबाद तक दैनिक यात्रा करने वाले सरकारी एवं निजी कर्मचारी शोषण के शिकार हो रहे हैं। आलम यह है कि लोग परेशन हैं। इसकी शिकायत दर्जनों यात्रियों ने उच्चाधिकारियों से की है, लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है।