बलिया। पूर्वांचल में पांच दिन पहले हुई झमाझम बारिश एवं मौसम में एकाएक परिवर्तन के बाद अभी भी स्थिति सामान्य नहीं हुई है। पूरा उत्तर प्रदेश शीतलहर, ठंड और कोहरे की चपेट में है। बर्फीली हवाओं ने ठंड के साथ गलन को और बढ़ाने का काम किया है। इससे लोगों का जनजीवन प्रभावित हो गया है।
सर्द हवा के साथ हाड़कपाऊ ठंड ने लोगों को घरों में कैद कर दिया है। राज्य सरकार ने ठंड के मद्देनजर कक्षा एक से आठ तक के विद्यालयों को बंद करने का आदेश दिया है। बावजूद कड़ाके की ठंड में इंटर तक के छात्रों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। सुबह और शाम कोचिंग सेंटरों पर आने -जाने में भी छात्रों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
नए साल के पहले दिन से ही ठंड में और इजाफा हुआ है। इससे वाहन स्टैंड, रोडवेज डिपो से लेकर बाजार तक सन्नाटे में डूब जा रहे हैं। आलम यह है कि सुबह और शाम बाजार में लोगों की संख्या काफी कम हो जा रही है। दुकानदार ग्राहकों के इंतजार में पूरे दिन गुजार दे रहे हैं।
सोमवार की सुबह घना कोहरा छाया रहा। दोपहर करीब 12:00 बजे सूर्य की किरणें धरती पर पहुंची। मौसम के बिगड़े मिजाज एवं बदलाव से लोगों की दिनचर्या में पटरी हो गई है। शीतलहर के प्रकोप के साथ ही जाड़े में और बढ़ोतरी होती जा रही है। सोमवार को सुबह नगरीय एवं ग्रामीण इलाकों में घने कोहरे के बीच लोगों की दिनचर्या जारी रही। दोपहर में धूप निकलने के बाद भी गलन अधिक होने से लोग घरों में कैद रहे। न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अभी पांच जनवरी तक मौसम इसी तरह बना रहेगा। इसके बाद पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बूंदाबांदी एवं वर्फ पढ़ने की भी संभावना जताई जा रही है। पिछले तीन दिनों से लगातार आधी रात के बाद कोहरे की चादर तन जा रही है और इसका असर सुबह तक देखने को मिल रहा है। मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि वायुमंडल में नमी अधिक होने की वजह से कोहरा छा रहा है। दिन में गलन अधिक होने की वजह जनवरी महीने में औसत तापमान का कम होना है।