बलिया/ लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भ्रष्ट अफसरों की सूची तैयार की जा रही है। इस बार विभिन्न मागों में दागी, अयोग्य और अनुशासन का पालन न करने वाले पुलिस कर्मियों की स्क्रीनिंग कराने का काम किया जाएगा। साथ ही आगामी ३० नवंबर २०२१ तक एडीजी स्थापना के दफ्तर को रिपोर्ट उपलब्ध कराना होगा। रिपोर्ट के आधार पर ऐसे अफसरों की छंटनी की जानी है। पुलिस महानिदेशक कार्यालय में सभी जनपदों के भ्रष्ट एवं नकारा पुलिस कर्मियों की स्क्रीनिंग किए जाने का निर्देश दिया गया है।
यूपी में योगी सरकार ने भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति के तहत इसमें संलिप्त अधिकारियों और महकमे के कर्मचारियों की स्क्रीनिंग के आदेश दिए गए हैं। जिनकी उम्र ५0० साल से अधिक है और उन पर भ्रष्टाचार एवं दागी होने का आरोप है। वह अयोग्य पुलिस कर्मियों की श्रेणी में रखे जाएंगे। उनको अनिवार्य सेवानिवृत किया जाएगा। इसके लिए बहुत जल्द ही स्क्रीनिंग शुरू करने को कहा गया है। शासन ने कठोर कदम उठाते हुए बीते दिनों पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर सहित तीन आईपीएस अधिकारियों को अनिवार्य सेवा निवृष्टि दी गई थी। अब नवंबर तक स्क्रीनिंग कर इसका पूरा ब्योरा डीजीपी मुख्यालय भेजने का निर्देश दिया गया है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक स्थापना संजय सिंघल की ओर से सभी जनपदों के एसएसपी और एसपी तथा पुलिस कमिश्ररों को पत्र भेजा गया है। ५० साल अथवा इससे ऊपर के पुलिस कर्मियों में खामियां मिलने पर उनको अनिवार्य रूप से सेवानिवृष्टि देने का निर्देश दिया गया है। इस निर्देश के बाद महकमे में अफरा-तफरी का माहौल कायम है। पूरे प्रदेश में अब तक भ्रष्ट व दागी मिले ४३४ पुलिस अफसरों की सूची तैयार की जा चुकी है। इनकी भी स्क्रीनिंग कर सत्यता का पता लगाने के बाद नौकरी से निकाले जाने की कार्रवाई की जा सकती है।