छपरा/बलिया। बिहार में गुरुवार को तेज आंधी पानी के कारण डोरीगंज थाना क्षेत्र के बलवन टोला गांव के पास बालू लदी एक नाव अचानक सोन व गंगा नदी के संगम पर डूब गई। घटना के वक्त वहां मौजूद लोगों की माने तो बालू लदे ओवरलोड नाव पर करीब चौदह की संख्या में मजदूर सवार थे। इसी बीच आई तेज आंधी -पानी से उठे बवंडर में बालू लदी नाव डोरीगंज थाना क्षेत्र के बलवन टोला गांव के समीप नाश के पास डूब गई। बालू से लदी इस नाव पर नाविक सहित 14 मजदूर सवार थे। संयोग अच्छा था कि घटना के समय दो अन्य नाव भी साथ में बालू लादने डोरीगंज से कोईलवर की तरफ जा रहीं थी। हालांकि इस आंधी पानी के दौरान गंगा नदी में उठ रही ऊंची लहरों में तीन की संख्या में नाव फंस गई थीं। लेकिन दो नाव और उस पर सवार लोगो की नाव खाली होने के कारण किसी तरह बच कर निकल गई। जबकि तीसरी नाव बालू लदे होने के कारण गंगा नदी में गोता खा कर समा गई। गंगा नदी में उठ रही ऊंची ऊंची लहरों के कारण अन्य नाव पर सवार लोग डूब रहे लोगों की किसी भी तरह की मदद नही कर पाए। उस समय आस-पास मौजूद मजदूरों ने बताया कि बवंडर इतना तेज था कि कोई मजदूर नाव पर से नदी में कूद भी नहीं पाया। देर शाम तक किसी मजदूर या नाविक के तैर कर बाहर निकलने की सूचना नहीं मिली है। सूत्रों ने बताया कि बालू लदी नाव सारण के डोरीगंज थाना क्षेत्र के दियारे के बलवन टोला गांव की थी। नाव पर मजदूरी करने वाले सभी मजदूर और नाविक मुजफ्फरपुर और मोतिहारी जिले के रहने वाले है। हालांकि बालू लदी नाव डोरीगंज के बलवन टोला गांव के किस मालिक की थी इसकी पुष्टि कोई खुलकर करने के बजाय दबी जुबान से ही कर रहा था। नाश के समीप अक्सर बालू लदी नावें डूबती हैं, जिसका पता आम लोगों या स्थानीय प्रशासन को भी नहीं चल पाता है। विगत दो दिन पहले ही इसी जगह पर बालू लदी एक नाव डूबी थी। हालांकि इस घटना में सभी मजदूर सुरक्षित बच गए थे। नाव डूबने की घटनाएं अक्सर होती रहती है। स्थानीय मजदूर होने की वजह से ज्यादातर मामलों में सुलह हो जाता है। बाहरी मजदूर के गायब होने पर तो जल्दी पता ही नहीं चल पाता है। इस संबंध में डोरीगंज थानाध्यक्ष राजेश कुमार चौधरी ने बताया कि इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। पता लगाया जा रहा है।
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छपरा से सत्येंद्र नारायण सिंह की रिपोर्ट…