दुनिया के सबसे जहरीले सांप करैत व कोबरा के मिलने से दहशत…

बैरिया। दुनिया के सबसे जहरीले सांपों की प्रजाति में से एक करैत और दूसरा कोबरा के मिलने से बलिया के द्वाबा क्षेत्र में दहशत व्याप्त है। यूपी- बिहार की सीमा स्थित जयप्रभा सेतु के एप्रोच रोड के किनारे बेतरतीब ढंग से चिपकाए गए बोल्डर के भीतर करैत और कोबरा प्रजाति के सांप मिले हैं। लोगों का कहना है कि एप्रोच रोड पर मिट्टी के क्षरण को रोकने के लिए बोल्डर पिचिंग करवाई गई है, जिसके नीचे इन सांपों ने बसेरा बना लिया है। इस रोड पर दिन-रात सांप कभी भी रेंगते नजर आ जाते हैं।
जयप्रभा सेतु के अलावा रेल पुल के पास काफी मात्रा में जमा किए गए बोल्डर के भीतर भी इन सांपों का डेरा है। मांझी के आसपास और जयप्रभा सेतु से दक्षिण वाले एप्रोच रोड़ पर अनायास ही दिख रहे जहरीले करैत कोबरा सांपों से लोग रात-दिन दहशत में रहते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि एप्रोच रोड के किनारे कीड़े मकोड़े को अपना ग्रास बनाने के लिए यह सांप रात में बड़ी संख्या में निकलते हैं। इस वजह से ग्रामीणों और राहगीरों पर खतरा मंडराता रहता है। प्रतिदिन 2-4 की संख्या में यह सांप वाहनों से कुचल कर मरते भी हैं। आसपास के क्षेत्र में दिखने वाले ये सांप 5-6 फुट लंबे और लगभग 5-10 किलो वजन के हैं। दुनिया के सबसे खतरनाक सांप में से एक करैत व दूसरा कोबरा का ठिकाना मरुस्थल में माना जाता है। इस खतरनाक सांप में हेमोटोक्सिन और नेरोटॉक्सिन की मात्रा पाई जाती है, जिसके काटने के बाद खून का थक्का जमने से कुछ समय के अंदर ही मौत हो जाती है। इस तरह के सांप का मिलना बहुत ही खतरनाक होता है।
चार साल पहले करैत सांप के काटने से बहोरन सिंह के टोला निवासी और रेलकर्मी चन्देश्वर राम के पुत्र पवन कुमार राम नामक युवक की मौत हो गई थी। पिछले साल इस सांप के काटने से अचेत रामजी सिंह के पुत्र अरविंद कुमार सिंह को डॉक्टरों ने अथक प्रयास के बाद किसी प्रकार बचा लिया था। अभी हाल ही में इसी गांव के इंटर के छात्र आनंद कुमार को भी सांप ने डंस लिया था। हालांकि तत्काल इलाज कर डॉक्टरों ने उसे बचा लिया था।
जयप्रभा सेतु के आसपास के गांव के लोगों का आरोप है कि सम्बन्धित विभागीय ठेकेदार द्वारा बोल्डर पीचिंग में अनियमितता बरती गई है। जिस वजह से हर साल सरयू में आने वाली बाढ़ तथा बरसात में बोल्डर इधर-उधर लुढ़क कर बेतरतीब ढंग से बिखरे रहते हैं। बिछाए गए बोल्डर के ऊपर झाड़ झंखाड़ का साम्राज्य उपस्थित हो गया है। इसी वजह से यह इलाका करैत और कोबरा सांपों का सुरक्षित रैन बसेरा बन गया है।

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