नदी के अतिसंवेदनशील इलाके में करोड़ों की लागत से चल रहा कार्य
तेरह किलोमीटर के अंदर बनाए जाएंगे दो ठोकर
बलिया। बांसडीह तहसील क्षेत्र अंतर्गत सरयू नदी में बाढ़ और कटान को रोकने के लिए करोड़ो की लागत से कटानरोधी कार्य शुरू हो गया है। यह कार्य डूब व कटान क्षेत्र के अतिसंवेदनशील इलाकों में किया जा रहा है। देखा जाए तो तेरह किलोमीटर के अंदर ही कटान को रोकने के लिए दो ठोकर बनाए जाएंगे।
टीएस बंधे पर 57 से 70 किलोमीटर के बीच चल रहा कटानरोधी कार्य
बताते चलें कि रामपुर नंबरी गांव के टीएस बंधे पर 57 किलोमीटर से लेकर चांदपुर के आगे 70 किलोमीटर के बीच कटानरोधी निर्माण कार्य चल रहा है। इसमें दो ठोकर के साथ ही लांचिंग एप्रान व स्लोप पिचिंग कार्य कराया जाएगा। इस इलाके के रामपुर नंबरी, चितबिसांव, रेंगहां, सुअरहां, महाराजपुर, चांदपुर आदि गांवों से सटे खेत की जमीन के साथ गांवों को नदी के प्रलयंकारी कटान से राहत मिल जाएगी। बता दें कि लगातार कई वर्षों से किसानों की हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि सरयू नदी में समाहित हो चुकी है। इससे किसान काफी चिंतित थे। अब कटानरोधी कार्य होने से रामपुर नंबरी से चांदपुर गांव के बाढ़ग्रस्त इलाकों में कटानरोधी कार्य किए जाने से लोगों को काफी राहत मिलने की आशा है। फिलहाल इसके निर्माण की रूपरेखा बनाकर बोरियों को डालकर बेस बनाने का कार्य किया जा रहा है।उसके बाद इस पर पत्थर डालकर ठोकर का निर्माण किया जाएगा।
मिलेगी राहत या बढ़ेंगी तकलीफें..
गौरतलब हो कि क्षेत्रीय किसानों ने बृहस्पतिवार के दिन बताया की कटानरोधी कार्य पूरा होने से कटान व बाढ़ की समस्या से निजात मिलेगी। साथ ही क्षेत्रीय लोगों ने यह भी कहा कि हर बार की तरह इस बार भी अगर काटन रोधी कार्य अधूरा रह गया, तो लोगों को राहत मिलने के बजाय उनकी तकलीफें और बढ़ जाएंगी।